राजनीति

पूर्वी राज्य परिषद् की बैठक के पूर्व झामुमो ने राज्यहित में गृह मंत्री को दिया अल्टीमेटम, याचना नहीं झारखण्ड अधिकार की बात कर रहाः सुप्रियो

10 जुलाई को रांची में आयोजित होनेवाली पूर्वी राज्य परिषद् की बैठक को लेकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने आज प्रेस कांफ्रेस की। इस प्रेस कांफ्रेस में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि यही बैठक पश्चिमी, उत्तर, दक्षिण और मध्य भारत की होती हैं तो उसमें खुब उदारता बरती जाती है, वहां के विकास कार्यों को लेकर केन्द्र खूब सजग होता है और जब पूर्वी राज्य परिषद् की बैठक होती है तो हमारे ऊपर प्रहार क्यों होता है?

सुप्रियो ने कहा कि दस जुलाई को जो बैठक होगी, उसमें अपने राज्य द्वारा दिये गये अधिकृत पत्र पर जो सार्थक निर्णय लिये जायेंगे, वो तो अलग बात है। लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भी राज्य की जनता से बहुत सारे वायदे किये थे, आश्वासन दिये थे। उन वायदों और आश्वासनों पर भी उन्हें ध्यान देना होगा।

सुप्रियो ने कहा कि इसके पूर्व ओडिशा में यह बैठक आयोजित हुई थी। उस बैठक के दौरान ओडिशा को हजारों करोड़ रुपये का सौगात मिला। कई परियोजनाएं मिली। इससे उन्हें कोई दिक्कत भी नहीं। लेकिन इस बार हमारे राज्य में यह बैठक आयोजित हो रही है, तो हमारी आशाएं भी बंधती है कि हमारे साथ भी इसी प्रकार का न्याय होगा, क्योंकि हम आयोजक राज्य है।

सुप्रियो ने कहा कि आज एक भयावह खबर मिली है। वो खबर यह है कि केन्द्रीय अंशदान को घटाया जा रहा है। हमारा मनरेगा का पैसा पिछले तीन साल से नहीं दिया जा रहा है। उसमें भी कटौती की जा रही है। एससी-एसटी व अल्पसंख्यकों के लिए मिलनेवाली छात्रवृत्तियों पर रोक लगा दी गई है। ग्रामीण विकास विभाग के बजट तक में छंटनी कर दी गई है। आखिर ये सब क्या है?

उन्होंने कहा कि रांची में एचईसी फैक्ट्री है। जिसे मदर ऑफ इंडस्ट्रीज कहा जाता है। उसकी स्थिति बेहाल हो गई है। वहां काम कर रहे लोग भूखमरी के शिकार है। लेकिन जब से केन्द्र में इनकी सरकार आई है। इनके भारी उद्योग मंत्रालय संभाल रहे मंत्री यहां का दौरा तक नहीं किया है। पिछली बार यूपीए सरकार में एक मंत्री इस क्षेत्र का दौरा किये थे। लेकिन इनके लोगों ने दौरा तक करना उचित नहीं समझा।

सुप्रियो ने कहा कि गृह मंत्री के पास सहकारिता मंत्रालय भी हैं। इसलिए वे इस मुद्दे को उठा रहे हैं कि झारखण्ड के साथ इन्साफ हो। रेलवे में ज्यादा राजस्व देनेवाले हम, खनन में ज्यादा हिस्सेदारी हमारी, मगर हमें बकाया राशि तक नहीं मिलती। सुप्रियो ने कहा कि आप केन्द्र सरकार है। हमारे अभिभावक है। अभिभावक की जिम्मेदारी बनती है कि जो कमजोर और विकास से वंचित राज्य है। उस पर वो विशेष ध्यान दें ताकि वो भी अन्य राज्यों की श्रेणी में आ सकें।

सुप्रियो ने कहा कि चूंकि पूर्वी राज्य परिषद् की बैठक दस जुलाई को होनी है और गृह मंत्री एक दिन पूर्व ही रांची पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक दिन पूर्व आने पर उन्हें यहां की आबोहवा उन्हें जरुर ऐहसास करायेगी कि इस बैठक में क्या निर्णय लेना जरुरी होगा। उन्होंने कहा हम याचना नहीं कर रहे, हम अपनी अधिकार की बात कर रहे हैं।

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