सरकार किसी की हो दुगिया को मरना है, बेरोजगारों की औकात मात्र 14 रु. और मास्क के नाम पर दादागिरी सिर्फ जनता को झेलना है
सरकार किसी की भी हो दुगिया, भूख और बीमारी से तुम्हें ही मरना है। बेरोजगारों तुम्हारी औकात 14 रुपये प्रतिदिन से ज्यादा की नहीं हैं। रही बात तुम जनता, मास्क का जुर्माना सिर्फ तुम से ही वसूला जायेगा। हम तो पैदा ही लिये हैं राज करने के लिए, तुम्हारी जिंदगी तबाह करने के लिए, और ज्यादा दिमाग लगाए, हमको आंख दिखाए, तो समझ लो ये जो हर गली-मुहल्ले में पुलिस चौकी देखे हो न, पुलिस थाने देखे हो न, वो तुम्हारी सेवा के लिए हमने नहीं रखें, बल्कि तुम्हें हम इनके द्वारा अपने इशारे पर ऐसा केस में फंसवायेंगे कि सारी क्रांति जो हैं,
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