‘जिसकी लाठी उसकी भैस’ जैसी सोच रखनेवाली देश में सरकार नहीं, बल्कि कानून का राज स्थापित करनेवाली सरकार चाहिए – 2
कमाल हैं, आप दो बार लगातार दस वर्षों तक उसी वोटिंग मशीन के सहारे (2004-2014) सत्ता में आये तो वोटिंग
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Read Moreपूजा समितियां अगर पूजा समिति तक ही रहे तो ठीक है, अगर धर्माचार्य बनने की कोशिश करेंगे तो धर्म का
Read Moreदुमका में शाहरुख द्वारा अंकिता को उसके घर में घुसकर जलाये जाने की घटना से पूरा झारखण्ड जहां मर्माहत हैं
Read Moreझारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम समेत राज्य के अन्य इलाकों में लोग आजादी के 75 वर्ष बाद भी
Read Moreआप माने या न माने, झारखण्ड में एकमात्र सांसद कहिये, राजनीतिज्ञ कहिये, धुरंधर कहिये, विकास को लेकर सजग व्यक्ति कहिये
Read Moreआयुष्मान भारत योजना में राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से के प्रीमियम का भुगतान नहीं करने की वजह से झारखंड के
Read Moreकांग्रेस का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हो या शशि थरुर या के एन त्रिपाठी, क्या फर्क पड़ता हैं, जब काम उन्हें
Read Moreपटना उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एडवोकेट एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्रा ने स्कूलों में मुफ्त सैनिटरी
Read More“ईश्वर साक्षात्कार आत्मप्रयास से संभव है, वह किसी धार्मिक विश्वास या किसी ब्रह्माण्ड नायक की मनमानी इच्छा-अनिच्छा पर निर्भर नहीं
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