रोस्पा टॉवर का स्वामित्व GEL चर्च को मिलने के बाद, दुकानदारों से नये किराया एग्रीमेंट न स्वीकार करने पर दुकान खाली करने की कार्रवाई से परेशान 400 दुकानदारों ने CM हेमन्त से लगाई गुहार
रांची मेन रोड स्थित रोस्पा टॉवर का स्वामित्व GEL चर्च को मिलने के बाद दुकानदारों से नये किराया एग्रीमेंट (जिसमें किराया वृद्धि सहित कई नई शर्ते लगाई जा रही है) की मांग की जा रही है और दुकानदारों द्वारा इसे अस्वीकार करने पर कानूनी कार्रवाई और दुकान खाली करने की कार्रवाई की बात की जा रही है।
फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन की लॉ एंड ऑर्डर कमेटी ने आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप, मध्यस्थता एवं राहत की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष दीपेश निराला, उपाध्यक्ष उमाशंकर सिंह, उपाध्यक्ष रेणुका तिवारी, महासचिव सत्येंद्र प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष बिनोद बेगवानी, कार्यकारिणी सदस्य हरीश नागपाल, शाहिद आलम एवं अन्य ने तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर निष्पक्ष जांच करवाकर समुचित कार्रवाई की मांग की है।
फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन, झारखंड की लॉ एंड ऑर्डर कमेटी की ओर से, रांची के मेन रोड स्थित रोस्पा टॉवर में कार्यरत लगभग 400 दुकानदारों की ओर से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। जिसमें कहा गया है कि रोस्पा टॉवर का स्वामित्व GEL चर्च (Gossner Evangelical Lutheran Church) को प्राप्त होने के बाद दुकानदारों से नये किराया एग्रीमेंट करने की मांग की जा रही है। पुराने एग्रीमेंट के अनुसार कई दुकानदार वर्षों से यहां कारोबार कर रहे हैं।
लेकिन नये एग्रीमेंट में किराया वृद्धि एवं अन्य शर्तें ऐसी हैं कि अधिकांश दुकानदारों के लिए इसे स्वीकार करना असंभव हो रहा है। नये एग्रीमेंट न करने पर कानूनी कार्रवाई एवं दुकान खाली करने का खतरा बना हुआ है। यह मुद्दा सीधे तौर पर इन दुकानदारों एवं उनके परिवारों की आजीविका से जुड़ा है।
ज्ञातव्य है कि रोस्पा टॉवर रांची का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है, जहां सैकड़ों परिवारों का रोजगार निर्भर है। इस विवाद से व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। समिति की मांग है कि इस संपत्ति विवाद में राज्य सरकार का तटस्थ हस्तक्षेप कर दुकानदारों को उचित राहत प्रदान की जाए। GEL चर्च प्रबंधन एवं दुकानदारों के बीच मध्यस्थता कर पुराने एग्रीमेंट को आधार मानते हुए उचित किराया निर्धारण एवं नवीकरण की व्यवस्था की जाए। दुकानदारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की जबरन कार्रवाई (जैसे दुकान खाली कराना या कानूनी नोटिस) पर तत्काल रोक लगाई जाए, जब तक बातचीत से समाधान न निकल जाए। यदि आवश्यक हो तो एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
