वर्षों बाद रांची चुटिया के लोगों ने देखा स्वर्णरेखा नदी का रौद्र रूप, जलस्तर बढ़ने से पुल के क्षतिग्रस्त होने का भय, सोशल मीडिया के माध्यम से कई लोगों ने प्रशासन से लगाई गुहार
पिछले कई दिनों से रांची में हो रही भारी बारिश तथा इस भारी बारिश के कारण स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर में हुई भारी वृद्धि से रांची के चुटिया में रहनेवाले लोग भयभीत व सशंकित हैं। उन्हें लग रहा है कि कही स्वर्णरेखा नदीं के जलस्तर में भारी वृद्धि होने तथा उसके कारण जर्जर पुल पर बढ़ रहे दबाव से रांची व नामकुम को जोड़नेवाला यह जर्जर पुल क्षतिग्रस्त न हो जाये।
लोगों का कहना है कि अगर स्वर्णरेखा नदी का दबाव इस जर्जर पुल पर जिस प्रकार से पड़ रहा हैं, कही अगर यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया तो चुटिया व नामकुम के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ जायेगा। यही नहीं अचानक इस पुल से क्षतिग्रस्त होने से कई लोगों की जानें भी जा सकती हैं, क्योंकि जब पुल क्षतिग्रस्त होगा तो यह घटना अचानक ही होगी। जैसा कि देखने में आ रहा है कि आज भी लोग इस जर्जर पुल से आना-जाना छोड़े नहीं हैं, कर ही रहे हैं।
हालांकि विद्रोही24 ने आज सुबह घटनास्थल पर जाकर वस्तुस्थिति देखी, तो उसने पाया कि स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ था और इस जलस्तर का दबाव नामकुम व चुटिया को जोड़नेवाले इस जर्जर पुल पर पड़ रहा था। जर्जर पुल की स्थिति को देखते हुए हालांकि वहां लोगों को इस जर्जर पुल का उपयोग नहीं करने का दो पुलिसकर्मियों द्वारा बार-बार अनुरोध किया जा रहा था। लेकिन लोग इन पुलिसकर्मियों की बात नहीं मान रहे थे और इस जर्जर पुल का इस्तेमाल कर रहे थे।
आश्चर्य यह भी था कि जब कुछ लोग इस जर्जर पुल पर मंडरा रही संकट को जानने के बावजूद भी आर-पार हो रहे थे। तब ये इस प्रकार से मुस्कुरा रहे थे, जैसे इन्होंने कोई बहुत बड़ा युद्ध जीत लिया हो। इधर स्वर्णरेखा नदीं के आस-पास जलस्तर काफी बढ़ता चला जा रहा है। स्वर्णरेखा नदीं पर बने शवदाह केन्द्र और उसके आस-पास तटों के उपर तक स्वर्णरेखा नदी का पानी उधम मचा रहा था।
स्वर्णरेखा नदी में स्थित इक्कीसो महादेव तक पहुंचनेवाले भक्त तो पिछले कई दिनों से अपने इक्कीसो महादेव में से एक महादेव को भी देख नहीं पायें हैं, क्योंकि 16 जून से जो पानी बरसना शुरु हुआ हैं। वो आज तक थमा नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि जिस प्रकार की बारिश इस साल हुई हैं।
वैसा बारिश आज तक उन्होंने देखा नहीं। सावन आने के पहले ही सारे तालाब, कुएं आदि भर गये। नदियां विशालकाय रुप ले ली और अब इनके रौद्र रूप ने जर्जर पुल को भी ध्वस्त करने का इरादा कर लिया है। अगर ऐसा हुआ तो स्थिति और विकट हो जायेगी। रांची जिला प्रशासन को इस पर अविलम्ब ध्यान देना चाहिए।