अपराध

CM रघुवर के बेटे पर गंभीर आरोप, झामुमो नेत्री सीता सोरेन ने की गिरफ्तारी की मांग

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की वरिष्ठ नेत्री एवं जामा की विधायक सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे ललित दास को अविलम्ब गिरफ्तार करने की मांग की है। सीता सोरेन ने सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा है कि “जनप्रतिनिधि होने से पहले मैं भी एक महिला हूं, एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार, छेड़खानी, प्रताड़ित अपमान करने के आरोप में मैं राज्य सरकार से मांग करती हूं CM पुत्र ललित दास को अविलम्ब गिरफ्तार किया जाये।”

उन्होने फेसबुक पर लिखा है कि महिलाओं के प्रति राज्य सरकार राजनीति से उपर उठकर ललित दास को गिरफ्तार करें। महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ करनेवाले लोगों को सबक मिले, महिलाओं का इज्जत, मान-सम्मान उनके बाप की जागीर नहीं हैं।

उन्होंने यह भी लिखा है कि इस न्यूज को देखने के बाद, वे काफी मर्माहत और आहत है, उनकी पार्टी हमेशा महिला के सम्मान के साथ खड़ी रही हैं। इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक समाचार को भी कटिंग करके लगाया है, जिसका शीर्षक है “ललित दास मुख्यमंत्री पुत्र होने का धौंस दिखा डाल रहा है शादीशुदा महिला पर डोरे”। यह समाचार किस अखबार में छपा है, यह कटिंग कहां से आया है, किसने प्रकाशित की है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

आश्चर्य इस बात की है कि ये अखबार में प्रकाशित सदृश दिखनेवाला कटिंग खूब वायरल हो रहा हैं और हर पार्टी के लोग इसे वायरल करने में इन्वॉल्व है, राज्य सरकार की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है, पर भाजपा के लोग भी इसे चटखारे लेकर पढ़ रहे हैं, जो लोग इसे वायरल कर रहे हैं, उन पर कमेन्टस भी खूब आ रहे है।

हालांकि जो न्यूज वायरल हो रहा हैं, उसमें जो कुछ भी प्रकाशित है, वह कई साल पहले से यूट्यूब पर उपलब्ध हैं, पर किसी ने इस तरह वायरल नहीं की और न ही किसी राजनेता ने इस पर संज्ञान लिया, पहली बार झामुमो की जामा विधायक सीता सोरेन ने इस पर संज्ञान लिया और इस पर अपना बयान फेसबुक के माध्यम से देते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे ललित दास को गिरफ्तार करने की मांग की है।

ऐसे में क्या इस प्रकरण की सरकार जांच करायेगी, क्या पारदर्शिता और न्याय की बात करनेवाली सरकार, ललित दास पर लगे आरोपों पर अपना मंतव्य देगी या प्राथमिकी दर्ज करायेगी, या ये मामला अन्य मामलों की तरह दबा दिया जायेगा, ये कहकर कि ये मामला मुख्यमंत्री के बेटे से संबंधित है, इसलिए इस पर ज्यादा हाय तौबा मचाने की जरुरत नहीं, हालांकि जिस प्रकार से सीता सोरेन ने इस मुद्दे को उठाया है, हो सकता है कि आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में कही ये बड़ा मुद्दा न बन जाये।