अपनी बात

बिजली की हाई वोल्टेज नंगी तार के नीचे तीन-तीन दीवार बनाकर सड़क ब्लॉक करनेवाले अयोध्यापुरी की महिलाओं के जनाक्रोश के आगे झूके, दीवारें ढही, सड़क फिर से चालू

जब सरकार जनता की न्यायोचित मांगों पर ध्यान नहीं देती, जब प्रशासन में बैठे अधिकारी-पुलिस पदाधिकारी जनता की न्यायोचित मांगों को नजरंदाज करने लगते हैं, जब जनता के सिर से पानी ऊपर बहने लगता है तो जनता क्या करती है? वहीं करती है, जो रांची के चुटिया के अयोध्यापुरी में देखने को मिला। पिछले कई दिनों से चुटिया थानान्तर्गत अयोध्यापुरी रोड नं. 1ए व 1बी की बड़ी आबादी रोड ब्लॉक कर दिये जाने से तबाह थी।

यह बड़ी आबादी अपनी तबाही का गुहार हर जगह लगाई। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा था। मामला ऊर्जा विभाग के पास भी गया, क्योंकि जिनके द्वारा जहां रोड ब्लॉक किया गया था, उस ब्लॉक किये गये रास्ते पर दो-दो बिजली के खंभे थे, जिस पर से होकर हाई वोल्टेज की नंगी तार गुजर रही थी। अब भला जहां से बिजली के तार गये हो, उसके ठीक नीचे कोई दीवार कैसे खड़ी कर सकता है? लेकिन यहां एक नहीं, तीन-तीन दीवारें खड़ी किये गये थे। दो दीवारें तो एक ही आदमी के थे और एक दीवार दूसरे आदमी के थे।

लेकिन जब जनता का दबाव बना और महिलाएं बड़ी संख्या में जुटी तो एक व्यक्ति जिसकी दो दीवारें थी, वो जनदबाव को देखते हुए नतमस्तक हुआ और अपनी दो दीवारें तोड़ने की अनुमति दे दी। लेकिन जिसका एक दीवार था, वो अड़ा रहा, वो चाहता था कि उसको अपनी जमीन के बदले पैसे मिले। लेकिन जब महिलाओं का हुजूम देखा, तो वो भी कुछ बोल नहीं सका। तीनों दीवारें देखते-देखते धराशायी हो गई।

लोग बताते है कि इन्हीं दीवारों का जब निर्माण हो रहा था, तो यहां के लोग चुटिया थाने गये थे। लेकिन चुटिया थाने ने उस व्यक्ति को सहयोग यह कहते हुए दिया कि उसकी जमीन है तो वो अपनी जमीन पर दीवार खड़ी करेगा ही। लेकिन चुटिया थाना यह नहीं बता सका कि वैसी जगह दीवार कैसे खड़ी हो सकती है, जहां से हाई वोल्टेज की नंगी तार गुजर रही हो और उक्त दीवार के कारण उस नंगी तार से कोई संपर्क में आता हैं और कोई घटना घटती है, तो उसका जवाबदेह कौन होगा? यही बात उस वक्त जब दीवार खड़ी की जा रही थी, तो एक पत्रकार ने उस वक्त विद्युत विभाग से संपर्क कर इस मामले का संज्ञान लेने को कहा था। पर मामला धरा का धरा रह गया।

आज स्थिति ठीक इसके उलट है। महिलाओं की एक बड़ी आबादी तथा अयोध्यापुरी के वे लोग जो इस रास्ते के ब्लॉक कर दिये जाने से तबाही को झेल रहे थे। उन्हें आज एक बहुत बड़ी राहत मिली है। उन्हें रांची जंक्शन जाने में या डोरंडा की ओर जाने में अब चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा, वे आसानी से उक्त स्थान को जा पायेंगे। इस रोड पर फिर से आवाजाही शुरु होने पर चुटिया की एक बहुत बड़ी आबादी ने राहत की सांस ली है। क्योंकि केतारीबागान के पास जब से रेल ब्रिज बनने का काम शुरु हुआ है। लोगों की समस्याएं बढ़ी है। ये समस्याएं तब तक रहेंगी, जब तक रेल ब्रिज बन नहीं जाता। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि एक बहुत बड़ी आबादी को उक्त रेल ब्रिज से भी ज्यादा आसानी इस रोड के शुरु हो जाने से हुई है, क्योंकि ये रोड इन्हें बहुत ही आसानी से उस जगह पहुंचा देगी, जो रेल ब्रिज नहीं कर सकता।

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