राजनीति

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, ईमानदार प्रयास, अनुशासन, चरित्र और विनम्रता ही आपको जीवन में आगे ले जाएंगेः राज्यपाल

राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने आज कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के छठे दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों/शोधार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि कोल्हान की धरती प्राकृतिक संसाधनों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विशिष्ट जनजातीय परंपराओं के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखती है। यहाँ के युवाओं में अपार प्रतिभा, दृढ़ता और आगे बढ़ने की अद्भुत क्षमता है।

उन्होंने कहा कि कोल्हान क्षेत्र भारत की विशिष्ट जनजातीय संस्कृति का केंद्र है और यहाँ के युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने समाज व राज्य का गौरव बढ़ाने के साथ अपनी सांस्कृतिक जड़ों से भी जुड़े हुए हैं, यह पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का मंत्र देश में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को नई दिशा दे रहा है।

उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 भारतीय ज्ञान परंपरा, कौशल आधारित शिक्षा और आधुनिक तकनीकी शिक्षा को समावेशित कर उच्च शिक्षा को नई गति दे रही है और कोल्हान विश्वविद्यालय इन संकल्पों को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आप आज केवल उपाधि नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारियाँ भी प्राप्त कर रहे हैं। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। ईमानदार प्रयास, अनुशासन, चरित्र और विनम्रता ही आपको जीवन में आगे ले जाएंगे।

उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे जहाँ भी देश, विदेश जाएँ या अपने गाँव–समाज—झारखंड की पहचान, संस्कृति और मूल्यों को गर्व के साथ आगे बढ़ाएँ तथा समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि चरित्र, विवेक और संवेदनशीलता का विकास है। विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शोध और नवाचार को बढ़ावा दें, ताकि यहाँ से निकलने वाला प्रत्येक विद्यार्थी राष्ट्र का गौरव बढ़ा सके।

राज्यपाल ने वर्तमान समय को कौशल, तकनीक और नवाचार का युग बताते हुए कहा कि युवाओं को केवल नौकरी की प्रतीक्षा नहीं, बल्कि अवसरों का सृजन करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय से उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और स्थानीय उद्यमों के साथ साझेदारी बढ़ाने पर बल दिया, ताकि छात्रों को व्यवहारिक अनुभव के साथ रोजगार के अवसर भी प्राप्त हों।

उन्होंने कहा कि जीवन में चुनौतियाँ आएँगी, पर हर चुनौती अपने साथ अवसर भी लेकर आती है। विद्यार्थी आत्मविश्वास रखें, सीखते रहें और विनम्र बने रहें। ठीक उसी प्रकार जैसे फलदार वृक्ष फल आने पर झुक जाता है—ज्ञान का वास्तविक स्वरूप विनम्रता है। राज्यपाल ने कोल्हान विश्वविद्यालय परिवार को उनके सतत प्रयासों के लिए बधाई दी तथा विश्वविद्यालय को शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और सामाजिक योगदान के क्षेत्रों में और उत्कृष्टता प्राप्त करने की शुभकामनाएँ दीं।

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