अब झारखण्ड का युवा हवाई जहाज में चढ़ेगा और उसे उड़ाएगा भी: हेमन्त सोरेन
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दुमका में झारखण्ड फ़्लाईंग इंस्टीट्यूट युवाओं को समर्पित किया। अब युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर पायलट बन सकेंगे। 30 युवाओं का चयन प्रतियोगिता परीक्षा के जरिये होगा। 15 आरक्षित वर्ग के युवाओं को राज्य सरकार शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप पर प्रशिक्षण देगी। मुख्यमंत्री ने कहा 2008 में इस संस्थान को स्थापित करने के लिए आधारशिला रखी गई थी। उस समय इस संस्थान को आगे बढ़ाने के बजाय, इसको बंद डब्बे में डाल दिया। ऐसे संस्थानों को पूर्व में अंकुश लगाने का काम किया गया।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि रजत जयंती के अवसर पर उन्होंने सोचा कि कहां से लंबी लकीर खींचना शुरू करें तो उन्होंने सोचा कि क्यों न, संताल परगना से लकीर खींचना शुरू करें। इस लकीर को हम राजधानी रांची और दिल्ली तक भी लेकर जाने का काम करेंगे। सभी पदाधिकारी को समय सीमा के अंदर कार्य करना होगा। समय सीमा के अंदर पदाधिकारी कार्य नहीं करेंगे तो वे दंड के भागी बनेंगे। उन्हें दंडित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर अधिकारी को कार्यशैली बदलनी पड़ेगी। उनको जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से लेनी होगी और जिम्मेदारी जनता की सेवा है। हम लोगों ने 25 वर्ष पूरा कर लिया है। अब हमारी गति और तेज होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि राज्य के नौजवान, किसान, मजदूर सभी कदम से कदम मिलाकर तेजी से आगे बढ़ेंगे। आप एक हाथ आगे कीजिए, हम आपके दोनों हाथ थाम कर एक साथ आगे बढ़ने का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हवाई चप्पल पहनने वाले अपने लोगों को कोरोना के दौरान हवाई जहाज में भी बिठाया और अब यहां का नौजवान हवाई जहाज में भी चढ़ेगा और हवाई जहाज भी उड़ाएगा। इस संस्थान में पहले चरण में 30 युवाओं को पायलट की ट्रेनिंग देंगे और उसमें से 15 युवाओं का आर्थिक बोझ राज्य सरकार उठाएगी और उसे पायलट बनाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का काम करेगा आपका यह भाई हेमन्त।
उन्होंने कहा कि बदलाव होगा, बहुत जल्द बदलाव होगा। यह अभी दिखने में छोटा सा प्रयास लग रहा होगा। जब धीरे-धीरे यह पेड़ बड़ा होगा जब आपके गांव से, आपके परिवार से आपका बेटा-बेटी पायलट बनेंगे तब आपको आभास होगा कि इस संस्थान का कितना महत्व है। यहां से आप पढ़ेंगे लिखेंगे, काबिल बनेंगे तो आप अपने पैरों पर खड़ा होंगे। ऐसे खड़े होंगे कि किसी के सामने आपको हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान की आधारशिला रखने के उपरांत चार-पांच साल के अंदर ही यहां के नौजवानों का भविष्य गढ़ने का कार्य करना चाहिए था। मगर दुर्भाग्य, कई लोग जो इस राज्य के आदिवासी मूलवासियों के घोर विरोधी हैं, उन्होंने नहीं चाहा कि यहां के आदिवासी मूलवासियों की आने वाले पीढ़ी शिक्षित हो, वे अपने पैरों पर खड़ा हो। इसलिए ऐसे संस्थानों पर झारखण्ड के इन विरोधियों ने अंकुश लगाने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि पूर्व में झारखण्ड के हजारों स्कूल को भी बंद करने का काम किया गया। लेकिन आपकी सरकार बनी, अबुआ सरकार बनी और बड़े पैमाने पर नए तरीके से स्कूल बने, जो आज उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में अलग पहचान बना रहा है। यह 2008 की योजना थी, उसके बाद देवघर का हवाई अड्डा बनना शुरू हुआ। वह बनकर तैयार भी हो गया, वहां हवाई जहाज भी उतरने लगा है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी कोशिश रही है इस परियोजना को शुरू करने की। यह राज्य बहुत गरीब, पिछड़ा है। लेकिन हम अपने सीमित संसाधनों के बावजूद हर चुनौतियों के साथ आगे बढ़ते हैं। हमारे विरोधी जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं। लेकिन हम लोग जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं।
