राजनीति

भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ करना भाजपा को सही लगता है, लेकिन हेमन्त सरकार गरीबों को उनका हक दें, तो उन्हें गलत लगता हैः विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत  और  राजनीतिक  मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में हेमंत जी की यह पहल मील का पत्थर साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज” बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है।

हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

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