बाल कोना

चतुर्थ बाल मेला जमशेदपुरः खुशी के चेहरे के हू-ब-हू भाव कैनवास पर उतार दिये पैक्स ने

इन चित्रकार महोदय का नाम है पैक्स सोय मुर्मू। उनके सामने बैठी हैं कुमारी खुशी। टाटा स्टील में कार्यरत हैं। खुशी बैठी हैं। पैक्स उनका स्केच तैयार कर रहे हैं। जो भाव खुशी के चेहरे पर है, वही भाव चित्र में भी है। बिल्कुल हू-ब-हू। यह स्केच तैयार हुआ चतुर्थ बाल मेले में। प्रथम आवरण श्याम-श्वेत का। जब पैक्स ये चित्र बना रहे थे, तब उनकी अंगुलियों की तेजी देखते ही बन रही थी। सटीक, साफ-सुथरी, नो ओवरलैपिंग। नो करेक्शन। काले रंग का बैलेंस भी परफेक्ट। सेकेंड लेयर में कलर चढ़ाया गया।

बाल मेले में कई चित्रकार आए हुए थे। सभी अपने-अपने क्षेत्र के धनी। इन चित्रकारों को कोर्डिनेट कर रहे थे रांची से आए प्रतिष्ठित चित्रकार-शिल्पकार दीपांकर कर्मकार। दीपांकर वही हैं, जिन्होंने कल राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को अपने हाथ से बनी राज्यपाल की पोट्रैट भेंट की थी। राज्यपाल उस पोट्रैट को अपने साथ ले गए।

गुरुवार को प्रख्यात चित्रकार मुक्ता गुप्ता भी आईं थी बाल मेले में। मुक्ता गुप्ता ने अभी इसी माह चार दिनों तक चित्रकला पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया था। उक्त कार्यशाला में 25 नामी चित्रकारों ने हिस्सा लिया था। खुशी लगातार कई घंटे बैठी रहीं। अपना स्केच देख कर कह उठीः वाह भाई वाह।

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