जमशेदपुर में चल रहे बाल मेले में बच्चों का उत्साह बढ़ाने आयेंगे 19 को राज्यपाल संतोष गंगवार, करेंगे बाल स्मारिका का लोकार्पण
स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और नेचर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे चतुर्थ बाल मेला में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार 19 नवंबर को प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाएंगे। वे मेला स्थल बोधि मैदान, गरम नाला, साकची में अपराह्न साढ़े 3 बजे पहुंचेंगे। मेला परिसर में वह एक घंटा रहेंगे। इस दौरान वह बीते चार साल में मेला की गतिविधियों पर केंद्रित स्मारिका का लोकार्पण करेंगे। यह जानकारी राजभवन से प्राप्त पत्र में दी गई है।
गौरतलब है कि 14 नवंबर को बाल मेले का उद्घाटन प्रदेश के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया था। मेले में खेलकूद प्रतियोगिताओं के साथ ही सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, नृत्य, जादू शो, हैंड शो आदि का आयोजन हो रहा है। बाल संरक्षण अधिनियम पर संगोष्ठी भी हो चुकी है। मेले में प्रतिदिन सैकड़ों लोग आ रहे हैं। 42 स्टॉल्स भी लगाए गये हैं जिनमें स्थानीय हैंडमेड प्रोडक्ट्स खासे आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
राज्यपाल के आगमन को लेकर मेला मैदान का निरीक्षण
इसी बीच झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के आगमन के मद्देनजर मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने मेला परिसर का निरीक्षण किया। राज्यपाल मेले में किस रास्ते से प्रवेश करेंगे, कहां किस व्यवस्था को दुरुस्त करना है, इन बातों पर चर्चा की गई। जमशेदपुर पश्चिम के विधायक भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थे। अधिकारियों में डीडीसी, एसडीएम और डिप्टी एसपी (ट्रैफिक) मौजूद थे।
विप्लव दा के दार्शनिक चित्र और किसानों को सब्जी उगाने की ट्रेनिंग
शहर के जाने-माने चित्रकार विप्लव दा चतुर्थ बाल मेले में आये हुए हैं। सुबह 11 बजे से एक तस्वीर बना रहे थे। तस्वीर इस बात को बताती है कि जीवन का सफर समुद्र की लहरों के समान है जो एक लय में नहीं रहती। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जैसे सूर्य सभी को ऊर्जा प्रदान करता है, उसी प्रकार सकारात्मक सोच भी हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। विप्लव दा अपने चित्र के बारे में बताते हैं। मेरी सोच यह है कि चित्र के माध्यम से जीवन का सच बताया जाए। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
बाल मेले में झारखंड सरकार के उद्यान विभाग का भी स्टॉल लगा है। पटमदा से कृषि मित्र यहां आए हुए हैं। इन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास 65.5 डिसमिल जमीन है, उन्हें माली की ट्रेनिंग दी जाती है। प्रशिक्षण का पहला चरण चांडिल में और आखिरी चरण नोएडा में पूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि जो इच्छुक किसान हैं, उन्हें कृषि विभाग ओल, लौकी, भिंडी, करेला, नेनुआ और गोभी के बीज मुफ्त में देता है। सरकार की मंशा यह है कि किसान सब्जियां ज्यादा से ज्यादा उगाएं ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके।
शतरंज में सारांश सिंह और मोनाली ने जमाया धाक, जूनियर कबड्डी में जुस्को स्कूल, साउथ पार्क रही विजेता
चतुर्थ बाल मेला में खेले गये खोखो प्रतियोगिता (बालक) के ग्रुप सी में विवेक विद्यालय, छोटा गोविंदपुर की टीम प्रथम जबकि मेसर्स पोटका की टीम दूसरे स्थान पर रही। बालिका वर्ग में विवेक विद्य़ालय, छोटा गोविंदपुर की टीम प्रथम रही। जबकि श्रीकृष्ण पब्लिक स्कूल की टीम दूसरे स्थान पर रही। ग्रुप डी (बालक वर्ग) में एसएस प्लस 2 हाईस्कूल की टीम प्रथम रही। जबकि दूसरे स्थान पर जेवियर पब्लिक स्कूल की टीम रही। ग्रुप डी (बालिका वर्ग) में एसएस प्लस 2 हाई स्कूल की टीम प्रथम रही। जबकि डिस्ट्रिक्ट सीएम एसओई बीपीएम, बर्मामाइंस की टीम दूसरे स्थान पर रही।
शतरंज (बालक वर्ग में) सारांश सिंह प्रथम रहे जबकि एस. संकल्प कुमार द्वितीय और राघवेंद्र गुप्ता तृतीय स्थान पर रहे। ऐसे ही बालिका वर्ग में प्रथम स्थान पर मोनाली बिस्वास, दूसरे स्थान पर तान्या कुमारी और तीसरे स्थान पर ईशिता चौधरी रहीं। कबड्डी जूनियर टीम प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जुस्को स्कूल, साउथ पार्क की टीम रही। जबकि द्वितीय स्थान पर विकास विद्यालय, मानगो की टीम रही। समाजसेवी शिवशंकर सिंह और मस्तान सिंह ने विजेताओं को पुरस्कृत किया
प्रदूषण हटाओ, हवा बचाओ का मंचन
चतुर्थ बाल मेले में मौजूदा प्रदूषण की समस्या पर करारा प्रहार करते हुए वायुवीर संस्था ने एक लघु नाटिका पेश की। शीर्षक था प्रदूषण हटाओ, हवा बचाओ। इस नाटक में प्रदूषण कैसे फैलता है, हम लोग कैसे अपने घर से ही प्रदूषण फैलाने का काम करते हैं, कैसे स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते, कैसे घर के कूड़े को इधर-उधर फेंक देते हैं या फिर उसे चोरी-छुपे जला देते हैं, इस पर करारा वार किया गया। कुल पांच मिनट की इस लघु नाटिका का मैसेज बड़ा साफ है-प्रदूषण का अंत घर से ही शुरु होगा। इस लघु नाटिका के बाद बाल विवाह के विरुद्ध लोगों को शपथ दिलाई गई।
इस लघु नाटिका में सोम कंसारी, रिंकू पाल, रिंकी पाल, हुसैन, साहिल और छोटी गोराई ने अभिनय किया। नाटक के लेखन रिंकू पाल हैं जबकि निदेशक सोम कंसारी हैं। पांच मिनट में प्रभावी तरीके से इन कलाकारों ने अपनी बात सैकड़ों लोगों तक कम्युनिकेट करने में सफलता पाई।
