सच्ची सफलता वही है, जो स्वयं के साथ समाज और राष्ट्र को भी ऊँचाइयाँ देः संतोष गंगवार
राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने आज कन्वेंशन सेंटर, एग्रो पार्क, एस.पी. कॉलेज रोड, दुमका में सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के 9वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होकर उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं तथा शोधार्थियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कार्यक्रम में महान स्वतंत्रता सेनानी सिदो और कान्हु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संथाल विद्रोह ‘हूल क्रांति’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्णिम अध्याय है, जिसने साहस, आत्मसम्मान और संगठन की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इन वीरों से सतत प्रेरणा लेनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि बड़े उत्तरदायित्व की शुरुआत है। यह उपाधि विद्यार्थियों के परिश्रम, अभिभावकों के त्याग और शिक्षकों के समर्पित मार्गदर्शन का प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज हित में करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि जनजातीय समाज की संस्कृति, विरासत और परंपराओं का संरक्षक भी है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की पहुँच बढ़ाना और स्थानीय समस्याओं पर आधारित शोध को प्रोत्साहित करना विश्वविद्यालयों का दायित्व है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे कृषि, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास और सामाजिक चुनौतियों के समाधान खोजने में अग्रणी बनें।
राज्यपाल ने कहा कि आपकी शिक्षा तभी सार्थक है, जब वह समाज, गाँवों, गरीबों, दलितों और जनजातीय भाइयों-बहनों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प तभी पूर्ण होगा जब हमारे विश्वविद्यालय नवाचार, अनुसंधान, कौशल विकास और प्रभावी शैक्षणिक पद्धतियों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि झारखण्ड के युवा अपनी ऊर्जा, क्षमता और दृढ़-संकल्प के साथ इस राष्ट्र-निर्माण के अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों के लिए नए सपनों, नई चुनौतियों और नए अवसरों का प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों को ईमानदारी, संवेदनशीलता और कर्तव्यपरायणता के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया और कहा कि सच्ची सफलता वही है, जो स्वयं के साथ समाज और राष्ट्र को भी ऊँचाइयाँ दे।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और कर्मचारियों को दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं और विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए अपनी शुभेच्छाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने सभी उपाधि-प्राप्त विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आप अपने कर्म, निष्ठा और नैतिक मूल्यों से झारखण्ड ही नहीं, भारत की नई पहचान बनेंगे।
