राष्ट्रीय उद्यानों-अभयारण्यों के एक किमी के दायरे में कोई खनन न होने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी मांगों के अनुरुपः सरयू राय
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर प्रसन्नता जताई है, जिसमें कहा गया गया है कि राष्ट्रीय उद्यानों-अभयारण्यों के एक किमी के दायरे में कोई खनन नहीं होगा। यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है, वह उनकी मांगों के पूरी तरह अनुरुप है। अभी तक जो हम लोग कह रहे थे, आज सुप्रीम कोर्ट ने उसे सही साबित किया है।
सरयू राय ने कहा कि बिहार सरकार ने 1968 में सारंडा में प्रस्तावित एक सैंक्चुरी के बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था। उन्होंने विधानसभा में इसको लेकर कई सवाल उठाए लेकिन वह नोटिफिकेशन मिला नहीं। उस क्षेत्र को हम लोग लगातार सैंक्चुरी घोषित करने की मांग उठाते रहे थे।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा 1968 में सैक्चुरी का जो प्रस्ताव दिया गया था, उसे मान लिया है। अंतर सिर्फ इतना ही है कि 2015 में भारत सरकार ने कमेटी बनाई थी माइंस प्लान फॉर सस्टेनेबुल माइनिंग। उसमें पूरे सारंडा में कहां माइनिंग होगी, कहां नहीं होगी, यह सब साफ-साफ लिख दिया गया था। माइनिंग जोन और नो माइनिंग जोन बना दिया गया था पूरे सारंडा में। नो माइनिंग जोन के एक हिस्से को आज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अलग कर दिया। बस इतना ही फर्क है। श्री राय ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी लगातार मांगों के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने आज शानदार फैसला दिया है।
