हर घर तक पहुंचेगा संघ का संदेश: 5 नवम्बर से तीन सप्ताह का गृह सम्पर्क अभियान, दिशोम गुरु शिबू सोरेन को संघ ने किया याद, दी श्रद्धांजलि
जबलपुर में 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। देशभर के सभी प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया। इसमें संघ के विविध कार्यों, संगठन की विस्तार योजना, राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक पुनर्जागरण एवं सामाजिक समरसता के विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।
बैठक में देशभर की 207 दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इनमें झारखंड प्रांत के चार विशिष्ट व्यक्तित्व शामिल रहे – 1. दिशोम गुरु नाम से विख्यात स्व. शिबू सोरेन जी (पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड), 2. स्व. चन्द्रशेखर दुबे जी (ददई दुबे – प्रसिद्ध नाम), 3. स्व. राजेश जी (बऊआ जी, धनबाद), 4. स्व. सुधीर अग्रवाल जी (लोहरदगा)। इन महान विभूतियों के राष्ट्र, समाज एवं जनसेवा के प्रति योगदान का भावपूर्ण स्मरण किया गया।
विजयादशमी उत्सव 2025 – व्यापक जन भागीदारी
इस वर्ष देशभर में 62,555 स्थानों पर विजयादशमी उत्सव आयोजित हुए। झारखंड प्रांत में 1783 स्थानों पर कुल 1879 विजयादशमी उत्सव सम्पन्न हुए, जिनमें 74,347 लोगों की उपस्थिति रही। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के 1,264 मंडलों में से 948 मंडलों में कार्यक्रम हुए। आस-पास के मंडलों के सम्मिलन से कुल 1,016 मंडलों का प्रतिनिधित्व 317 स्थानों पर हुआ। 31,678 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहे तथा 390 स्थानों पर पथ संचलन आयोजित हुए। यह कार्यक्रम झारखंड के सभी जिलों और अंचलों में आयोजित हुए, जिससे संघ के कार्य का व्यापक प्रसार एवं समाज की गहरी सहभागिता परिलक्षित हुई।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा – 150वीं जयंती वर्ष पर विशेष विवेचन
बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने अपने वक्तव्य में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल जनजातीय समाज के नायक नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत की आत्मा के प्रतीक हैं – जिन्होंने स्वराज, स्वाभिमान, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए अल्पायु में ही अद्वितीय संघर्ष किया।
“अबुआ दिसुम, अबुआ राज” (अपना देश, अपना राज) का उनका उद्घोष आज भी जन-जागरण का प्रेरक संदेश है। उन्होंने अंधविश्वास, अन्याय और पाखंड के विरुद्ध जनचेतना जगाई और समाज को एकता, आत्मनिर्भरता व धर्मनिष्ठा का मार्ग दिखाया। सरकार्यवाह ने कहा कि बिरसा मुंडा के जीवन से आज के समाज को आत्मगौरव, एकात्मता और संगठन की प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके विचार और कार्य पथ हमें “स्वत्व बोध” तथा “स्वाभिमान” के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाई जाती है। इस अवसर पर झारखंड प्रांत में अनेक कार्यक्रम एवं श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष और विचारों को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया है।
संघ शताब्दी वर्ष की ओर अग्रसर – व्यापक गृह सम्पर्क अभियान
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि संघ शताब्दी वर्ष (2025–26) को ध्यान में रखते हुए आगामी महीनों में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। इसी क्रम में 5 नवम्बर 2025 से तीन सप्ताह तक चलने वाला ‘गृह सम्पर्क अभियान’ प्रारंभ होगा।
इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक परिवारों से सीधा संवाद स्थापित करना है। संघ के स्वयंसेवक मोहल्लों, बस्तियों और ग्रामों में टोली बनाकर प्रत्येक घर तक पहुँचेंगे, संघ के विचार, कार्य एवं साहित्य के माध्यम से समाज से आत्मीय संपर्क स्थापित करेंगे। इस अभियान के माध्यम से समाज के मानस के लिए पंच परिवर्तन यानि सामाजिक समरसता, कुटुम्ब भाव, पर्यावरण, स्व का बोध व नागरिक कर्तव्य के माध्यम से समाज में समरसता, पारिवारिक मूल्य एवं राष्ट्रभाव को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय स्मरण : वंदे मातरम् एवं गुरु तेगबहादुर जी
बैठक में दो अन्य ऐतिहासिक प्रसंगों का भी उल्लेख किया गया – ‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया। श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें प्रकाश वर्ष पर उनके अद्वितीय बलिदान एवं भारतीय परंपरा की रक्षा हेतु किए गए योगदान का स्मरण किया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखंड प्रांत ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि – समरस, संगठित और स्वाभिमानी समाज ही आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनेगा। संघ के स्वयंसेवक इस भाव को जन-जन तक पहुँचाने के लिए आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से सहभागी होंगे।
