भाजपावाले एक दर्जन क्या? दो दर्जन भी मुख्यमंत्री ले आए तो उस पर अकेला यहां का मुख्यमंत्री भारी पड़ेगा, क्योंकि यहां का मुख्यमंत्री हम नहीं, जनता हैः हेमन्त सोरेन
घाटशिला में बुलंद हौसले के साथ झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन को जीताने के लिए चुनावी मैदान में उतरे राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि घाटशिला विधानसभा सिर्फ विधानसभा नहीं, हमारा परिवार है। इस बार वोट बंटने नहीं देना है। अभी हमारे विपक्ष के लोग अलग-अलग राज्य से एक दर्जन मुख्यमंत्री के साथ यहां डेरा डाले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, वे एक दर्जन क्या? दो दर्जन भी आ जाए तो उस पर अकेला यहां का मुख्यमंत्री भारी पड़ेगा और वह इसलिए क्योंकि यहां का मुख्यमंत्री हम नहीं हैं, यहां का मुख्यमंत्री आप जनता हैं। जनता की ताकत ही मेरी ताकत है और इसी ताकत के बदौलत हम फिरकापरस्त लोगों से लोहा लेते हैं।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि आने वाले दिनों में विरोधी लोग जो-जो गोला फेंकेंगे, उस गोले का हम लोग ऐसा छक्का छुड़ाएंगे कि जो जहां से आया है उससे भी दूर चले जाएगा। उन्होंने कहा कि घाटशिला का आगामी उपचुनाव हम लोगों के लिए अलग परिस्थिति में हो रहा है। कुछ ही दिनों पहले आदरणीय दिशोम गुरुजी का निधन हुआ था। जिसके बाद आदरणीय रामदास दा का निधन हो गया। यह ना जाने क्या संदेश था, यह हम नहीं बता सकते। लेकिन कोई ना कोई जरूर ताकत है जो ऐसी स्थिति पैदा करती है और ऐसी स्थिति आती है।
उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में सोमेश बाबू को प्रत्याशी बनाया गया है। जिस तरह से आप लोगों ने पिछली बार ऐतिहासिक मतों के साथ, घाटशिला के इतिहास में पहली बार 20-22 हजार से अधिक मतों से रामदास बाबू को जिताया था, ठीक उसी तरह इस बार विरोधियों का जमानत जब्त कराना है।