राजनीति

सुप्रियो का बयान CM आवास बाद में, पहले DRM व HEC का तो घेराव करें बाबूलाल, जहां RPF-CISF के जवान उन्हें माला पहनाने और स्वागत करने के लिए तैयार बैठें हैं

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये जो बाबूलाल मरांडी भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि पूरा बच्चा-कच्चा लेकर सीएम आवास का घेराव करेंगे। तो उनका बाबूलाल मरांडी को सुझाव रहेगा कि वो पहले बिरसा चौक के बगल में हटिया में डीआरएम ऑफिस है, उसको घेर कर दिखाये। उनका ही पुलिस आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स), उनका पूरा स्वागत करेगा। उनके लिए स्वागत की तैयारी भी करेगा।

सुप्रियो ने यह भी कहा कि एचईसी जिसकी सुरक्षा में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल लगा रहता है। उस मुख्यालय से भी जाकर पहले बाबूलाल सीआईएसएफ से माला पहन आये, उसके बाद सीएम आवास आये। ये जो बार-बार गरीबों को सामने रख, उनके नाम पर, लोगों को, समाज को बरगलाकर, ये जो गंदी राजनीति कर रहे हैं। इसका मुंहतोड़ जवाब झामुमो को देना आता है।

सुप्रियो ने कहा कि विस्थापन और पुनर्वास के लिए आयोग हेमन्त सरकार ने बनाया है। विस्थापन का दर्द झामुमो जानता है। हमने राष्ट्र के विकास के लिए हजारों एकड़ जमीन दी हैं। कल ही गुआ गोली कांड की बरसी थी। ये गुआ गोलीकांड क्यों हुआ था? यही टाटा-सेल द्वारा जंगल काटने के विरोध को लेकर हुआ था, जिसमें कई लोगों की जानें चली गई और ये भाजपा के लोग हमें विस्थापन सिंखायेंगे।

अतिक्रमणकारियों का पक्ष लेनेवाले लोग अडानी-अम्बानी के दलाल

सुप्रियो ने कहा कि अडानी-अम्बानी की दलाली करनेवाले लोग और जितने लोग एचईसी या धुर्वा के आस-पास बसे हैं। ये लोग करते क्या हैं? दरअसल ये सभी जमीन की दलाली करते हैं। ये सारे लोग भाजपा से मिले हुए लोग हैं। उनको जब-जब तकलीफ होता है तो बाबूलाल सामने हो जाते हैं। अतिक्रमण पर जो एचईसी या साउथ ईस्टर्न रेलवे का स्टैंड है, जो उनका नोटिस है, उस पर जिला प्रशासन अमल करें, न कि बाबूलाल मरांडी के भ्रम फैलानेवाले बातों पर।

उन्होंने कहा कि आजकल बाबूलाल मरांडी ज्यादा सक्रिय है। क्योंकि जनता ने उन्हें नकारते हुए सदन में भेजा है। आजकल रांची में ज्यादा रहते हैं। एक-दो दिन पहले अपने विधायक नवीन जायसवाल को लेकर बिरसाचौक पहुंचे थे। जहां उन्होंने डीसी से कहा कि ये जो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही हैं, उसे वो रोक दें।

बाबूलाल भारत सरकार से ये मांग क्यों नहीं करते कि वो पत्र वापस ले, जिसमें उनके विभाग ने अतिक्रमण हटाने के लिए राज्य सरकार से सहयोग मांगा

सुप्रियो ने कहा कि अतिक्रमण को हटाने के पीछे कौन है? ये तो साउथ-ईस्टर्न रेलवे और एचईसी के द्वारा राज्य सरकार और जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई कि वो अतिक्रमण को हटवाने में उन्हें सहयोग करें, क्योंकि लॉ एंड आर्डर राज्य का सब्जेक्ट है। अब अतिक्रमण को हटाने के लिए भारत सरकार ने ही मांग कर डाली तो इसमें राज्य सरकार और जिला प्रशासन कहां से आता है।

आखिर यही मांग बाबूलाल मरांडी अपने ही केन्द्र सरकार, भारत सरकार और उनके भारी उद्योग मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय को पत्र लिखकर या उनसे अनुरोध कर ये क्यों नहीं मांग करते कि उन्होंने जो अतिक्रमण हटाने के लिए राज्य सरकार व जिला प्रशासन से सहयोग मांगा हैं, उस पत्र को वे वापस लें लें।

दरअसल जिन्होंने रेलवे व एचईसी की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। वे रैयती नहीं हैं। वो विशुद्ध रूप से अतिक्रमणकारी हैं। यदि कोई भी सरकारी  संस्थान या जिसकी जमीन अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर ली हैं। अगर राज्य सरकार से सहयोग मांगेगी तो राज्य सरकार उसकी मदद करेंगी ही। ये बाबूलाल सीधे अपनी ही सरकार से ये क्यों नहीं कहते है कि जिन अतिक्रमणकारियों ने जमीन कब्जा कर रखी हैं, उससे जमीन खाली नहीं करवायें। उनके तो सांसद भी आजकल मंत्रिमंडल में शामिल है।

झारखण्डियों को नहीं, बाहरी लोगों को हटाने की बात हो रही हैं

सुप्रियो ने कहा कि झारखण्डी जनता अतिक्रमणकारी थोड़े ही हैं। यहां तो बाहरी लोगों को हटाने की बात हो रही हैं। जहां से अतिक्रमण हटाया जा रहा हैं, वहां जाकर कोई भी देख सकता है कि वहां 500 से 1000 के बीच में अवैध आवास निर्मित हैं। जो कूटे गांव में विस्थापित लोग हैं। उन्हें तो आवास भी दे दिया गया। लेकिन भाजपा के लोग उन्हें प्लास्टिक के अंदर मोड़कर रखने को विवश कर रहे हैं। ये लोग सीएम ऑफ एक्सीलेंस का दीवाल तक बनने नहीं दे रहैं हैं।

धुर्वा में, सेक्टर टू व सेक्टर थ्री के पीछे, धूर्वा डैम के अगल-बगल में कौन लोग बसे हैं? कहां से आये हैं?

सुप्रियो ने कहा कि जो भाजपाई लोग सर-सर का रट लगा रहे हैं। आप जाके देखकर आइये कि धुर्वा में, सेक्टर टू व सेक्टर थ्री के पीछे, धूर्वा डैम के अगल-बगल में कौन लोग बसे हैं? वो कहां से आये हैं? यहां किनके समय में विद्युत आपूर्ति की गई? वार्ड में सम्मिलित कर लिया गया? बाबूलाल मरांडी को जवाब देना होगा। सुप्रियो ने ताल ठोककर कहा कि अतिक्रमण करनेवाले लोग भाजपा के लोग हैं।

जिन्होंने हंसदेवा और आरे जंगल को पूरा साफ करवा दिया, अम्बानी को 3000 एकड़ जमीन दे दी, वे विस्थापन की बात करते हैं

उन्होंने कहा कि ये औद्योगिक घराने किसके हैं? असम में अम्बानी को 3000 बीघा जमीन असम सरकार ने किसलिए दी? जिस पर सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ गया कि आप प्रदेश का एक जिला ही औद्योगिक घराने को सौंप देंगे। धारावी की जमीन किसने अडानी को दे दी। जहां रहकर गरीब लोग अपना पेट पालते थे। हंसदेवा के जंगल को किसने अम्बानी के दे दिया? ये बोलते थे कि जितना जंगल कटा, वहां ये वानिकीकरण करवा देंगे।

क्या गेंदा, चमेली, गुलाब व उड़हूल का पौधा लगाने से वानिकीकरण होगा या साल, बरगद, नीम, आम, बरहड़, महुआ आदि के पेड़ लगाने से वानिकीकरण होगा। क्या हंसदेवा के जंगल एक दिन में तैयार हो जायेंगे। सुप्रियो ने कहा कि ये वही लोग हैं, जो महाराष्ट्र के आरे जंगल को साफ कर दिया और बात विस्थापन की करते हैं।

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