राजनीति

भाजपा ने इस राज्य को पूंजीपतियों के विकास में लगा दिया, जिसकी बड़ी कीमत झारखण्ड चुका रहा है, अब ये फंडिग कर सरकार के खिलाफ जनता को भड़काने में लगेः हेमन्त सोरेन

झारखण्ड विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा आज भाजपा के लोगों ने झारखण्ड की वो हाल कर दी है कि आज यह राज्य केवल देश ही नहीं बल्कि पूंजीपतियों के विकास में लगकर अपनी एक बहुत बड़ी कीमत चुका रहा है। ऐसे हालात में हमें अपने राज्य को शिखर पर लाने के लिए 30-40 वर्षों का एक विशेष प्लान बनाकर उस पर काम करना होगा।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज झारखण्ड को विकास पथ पर ले जाने के लिए सकारात्मक राजनीति और सकारात्मक सोच की जरुरत है। लेकिन दुर्भाग्य देखिये, यहां का विपक्ष अपने ही राज्य को पीछे ले जाने के लिए षडयंत्र कर रहा है। ये लोग इतनी गंदी राजनीति पर उतर गये हैं कि इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। बड़े पैमाने पर ये फंडिग कर लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने में लगे हैं।

उन्होंने सदन में कहा कि इनलोगों ने गुजरात में फर्जी राजनीतिक दल बनाकर दस हजार करोड़ से भी ज्यादा की राशि उठाई और खर्च मात्र 25-26 करोड़ ही किये। यहीं नहीं ये खुब पुल-पुलिया बनाते हैं और देखते ही देखते इनके द्वारा बनाया गया पुल-पुलिया ध्वस्त हो जाता है। देखना हो तो दिल्ली, अयोध्या, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश घुम कर चल आइये।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि हम यहां सीमित संसाधनों से मईयां सम्मान योजना जैसी योजनाएं लागू कर यहां की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने में लगे हैं और ये ठगों की जमात पैसा छापनेवाले मशीन मंगवाकर अपना तूती बोलवाने में लगे हैं। हम कई झंझावातों को सहते हुए कई ऐसी योजनाएं लागू की, जिसके कारण ये राज्य दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनता जा रहा है। लेकिन इन्हें ये सब देखा नहीं जा रहा। ये झारखण्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन ये दूसरे राज्यों के बारे में सोचते हैं। ये गिरोह बनाकर व्यवधान डालते हैं।

उन्होंने कहा कि ये देश को विश्व गुरु बनाने की बात करते हैं। लेकिन देश तो विश्व गुरु नहीं बन पा रहा। इनके मित्र और व्यापारियों के समूह जरुर विश्व गुरु बनते चले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सदन ने गुरुजी को लेकर भारत रत्न देने का प्रस्ताव का अनुमोदन तो कर दिया। लेकिन ये लोग क्या करेंगे। ये तो वहीं जाने। क्योंकि जो ये कहते हैं वो करते नहीं और जो करते हैं, वे कहते नहीं।

उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के रुप में झारखण्ड ने विगत चार अगस्त को ऐसा व्यक्ति खोया है, जो सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं बल्कि देश के आदिवासी व वंचित समुदायों के लिए संघर्ष करते रहे। ऐसे में जो उन्होंने मार्ग दिखाया है। हमलोग उस मार्ग पर चलेंगे और उनके सपनों का झारखण्ड बनायेंगे। उन्होंने कहा कि गुरु जी के निधन के बाद उन्होंने देखा कि दस-बारह दिनों में देश के कोने-कोने से लोगों ने आकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा गुरु जी के संघर्ष और झारखण्ड बनने का सपना ही तेलंगाना को अलग राज्य कराने में मदद किया। गुरुजी ने तेलगांना राज्य बनने में काफी मदद की। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट कोई राजनीति के तहत नहीं लाया जाता, ये संवैधानिक व्यवस्था है। लेकिन इस अनुपूरक बजट पर भी यहां राजनीति हो जाती है। विपक्ष यहां हर चीज में अपनी राजनीतिक हित साधने में लग जाता है। इसके लिए वो मुद्दाविहीन चीजों को भी हथियार बना ले रहा है।

उन्होंने सदन में सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख की बेहतरी के लिए किये जा रहे कार्यों को भी सदन में उठाया और बताया कि कैसे केन्द्र की भाजपा सरकार ने सोनम वांगचुक के खिलाफ अभियान चलाकर लद्दाख के लोगों के सपनों पर कुठाराघात किया। उन्होंने कहा कि जब से इस राज्य में उनकी सरकार आई है। उन्होंने जनभावनाओं के अनुरूप योजनाएं बनाई और उसे क्रियान्वित किया। लेकिन जरा ये बताएं कि भाजपा शासित या भाजपा गठबंधनवाली शासित राज्यों में आदिवासियों और दलितों की क्या स्थिति हैं?

उन्होंने कहा कि इनलोगों ने बिहार के लाखों वोटरों को डिलीट करवा दिया। उसके बाद ऐसा कानून बना दिया कि इलेक्शन कमीशनर पर कोई कारर्वाई ही न हो। यानी जज पर महाभियोग लग सकता है। लेकिन इलेक्शन कमीशनर पर नहीं। उन्होंने कहा कि ये ऐसा घृणित कार्य करते हैं। ऐसा चीज दिखाते हैं। वो भी मीडिया, रेडियो व टीवी के माध्यम से कि लोग भ्रमित हो जाये। आधी आबादी को तो पता ही नहीं होता कि वे क्या दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक बार बिरसा जयंती पर हमलोगों ने माननीया राष्ट्रपति को यहां आमंत्रित किया। सहमति भी मिल गई और ऐन मौके पर माननीय राष्ट्रपति को आने नहीं दिया गया। फिर उसी समय प्रधानमंत्री आ गये और इवेन्ट्स का ऐसा पत्ता फेका कि जैसे लगा कि सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। यानी फिर से जुमलों का पिटारा खोल दिया गया।

उन्होंने कहा कि हमारे खनिज पदार्थों से दिल्ली मुबई जगमगाने लगे। वहां के लोग अरबपति-खरबपति बन गये और हम आग में रहने को विवश है। यूरेनियम के कारण आज हर तीसरा व्यक्ति भयानक बीमारी से ग्रसित है। बच्चा गर्भ में ही मर जाता है और ये दिल्ली में बैठकर आयरनओर – कोयला आदि को कितना जल्द नीलामी हो, इसका खेल खेलते हैं।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि ये जो खेल चल रहा है। उससे पर्यावरण का जो खतरा बना है। उसका परिणाम है ये बारिश। आज जहां लोग धार्मिक यात्रा के लिए निकल रहे हैं। जहां भगवान का नाम जपना चाहिए। लेकिन वहां लोग बचाओ-बचाओ का रट लगा रहे हैं। स्थिति ऐसा है कि खनन के लिए जगंलों को पूंजीपतियों के दे दिया जा रहा। ऐसे में जंगल में आदिवासी रह पायेंगे भी या नहीं। सवाल ये हैं।

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