राजनीति

21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से परिपूर्ण हो, सतत् विकास के मार्ग पर तीव्र गति से आगे बढ़ रहाः संतोष गंगवार

झारखण्ड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राज्यवासियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि प्राकृतिक सौन्दर्य और सांस्कृतिक विविधताओं की संगमस्थली, भगवान बिरसा मुण्डा की इस पावन भूमि पर, स्वतंत्रता दिवस–2025 के शुभ अवसर पर, वे सभी का हृदय से अभिनन्दन करते हैं। इस राष्ट्रीय पर्व की पावन बेला पर, वे समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हैं।

उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर, वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, पं० जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर, सरदार भगत सिंह सहित देश के उन सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं, जिनके त्याग और बलिदान के कारण आज हमें विश्व में एक स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिक कहलाने का गौरव प्राप्त है। इन महान देशभक्तों का जीवन हम सभी देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वे धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा सहित वीर सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, वीर बुधु भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, शेख भिखारी जैसे अनेकों अमर सेनानियों को नमन करते हैं। धन्य है हमारी झारखण्ड की यह पावन धरती, जहाँ ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया, जिनके त्याग, बलिदान, शौर्य और संघर्ष ने देश की आज़ादी का मार्ग प्रशस्त किया।

उन्होंने कहा कि हाल ही में दिवंगत झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को भी वे श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। लोकसभा में वे लंबे समय तक उनके साथ रहे। उनका जीवन जनजातीय अस्मिता एवं सामाजिक उत्थान के लिए पूर्णतः समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर, वे देश की सीमाओं की रक्षा में सदैव तत्पर हमारे वीर सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों को हार्दिक बधाई और सम्मान अर्पित करते हैं। उनके अदम्य साहस, अटूट समर्पण और त्याग पर पूरे भारत को हमेशा गर्व रहेगा। साथ ही, आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में समर्पित पुलिस बल के जवानों को प्रति भी वे अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को हमने न केवल विदेशी शासन से मुक्ति पाई, बल्कि अपनी नियति स्वयं तय करने का अधिकार भी प्राप्त किया। आज हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से परिपूर्ण है, जो सतत् विकास के मार्ग पर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। देश की इसी विकास यात्रा के साथ हमारा झारखण्ड भी अपने मजबूत इरादों और अथक प्रयासों से निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया झारखण्ड की ओर देख रही है। आज हमारे झारखण्ड में अवसरों की कोई कमी नहीं है। चाहे आधारभूत संरचना में निवेश हो, ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने की बात हो, उद्योगों में नवाचार की पहल हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्नति हो या कृषि में नए सुधारों को लागू करने की बात हो या खेल के क्षेत्र की बात हो, हर क्षेत्र में आज नए अवसर हम सबके सामने हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश आज देश के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के अनेक महत्वपूर्ण सूचकांकों में सुधार करते हुए झारखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इस प्रगति के सफर में यहाँ के युवाओं, किसानों, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका रही है।

उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के समग्र विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था अनिवार्य है। प्रदेश में भाईचारा, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखना तथा कानून-व्यवस्था को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। समाज के सहयोग से सरकार इस उद्देश्य में सफल रही है। नक्सलवाद एवं आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। भू-माफियाओं, अवैध वन कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, बिजली चोरी और संगठित अपराध के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी है और भविष्य में भी जारी रहेगी। इन प्रयासों के फलस्वरूप अब तक 197 नक्सली गिरफ्तार हुए, 17 नक्सली मारे गए और 10 द्वारा आत्मसमर्पण किया गया। राज्य में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ हमारी सरकार हर नागरिक के वैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, देश के व्यापक हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पुराने ब्रिटिश कालीन कानूनों को समाप्त कर तीन नए अपराधिक कानून लागू किए गए हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य दोषियों को सजा दिलाना और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना है। यह देश की कानून-व्यवस्था में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है, जिससे झारखण्ड सहित समस्त प्रदेशों में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ करने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन एक जटिल और बहुआयामी समस्या है, जिसने सदियों से हमारे समाज को त्रस्त किया है। मादक पदार्थों की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य के सरकारी कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में 10 जून से 26 जून, 2025 तक व्यापक राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में अफीम की अवैध खेती पर कड़ा प्रहार करते हुए, हमारी सरकार ने हजारों एकड़ भूमि पर लगाई गई इन फसलों को नष्ट किया है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आकार देने में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि हमारे जीवनदाता भी हैं। उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आजीविका सुधारने के लिए हमारी सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट वितरित किए जा रहे हैं। कृषि ऋण माफी योजना के तहत राज्य के लगभग पाँच लाख किसानों का 2,300 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर उन्हें आर्थिक राहत प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत हर पात्र किसान को प्रति वर्ष सीधे आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों को समय पर सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि को सशक्त बनाने के लिए सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की आय में वृद्धि और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मत्स्य उत्पादन को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य में मत्स्य मित्र एवं मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से लगभग 1,275 करोड़ मत्स्य बीज के उत्पादन की ओर अग्रसर है। सरकार द्वारा इन्हें मत्स्य स्पॉन, फिश फीड (fish feed) तथा फ्राय कैचिंग नेट (fry catching net) अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि वर्ष 2024-25 में राज्य में 3.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक मछली का उत्पादन हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी नागरिक की मृत्यु भूख से न हो, इस हेतु सचेष्ट हैं। ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ के तहत राज्य के 2.6 करोड़ लाभुकों को मुफ्त चावल एवं गेहूँ उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, ‘पीवीटीजी डाकिया योजना’ के माध्यम से राज्य के लगभग 75 हज़ार लाभुक परिवारों को 35 किलोग्राम चावल प्रति परिवार प्रति माह उनके घर तक बंद पैकेट में, निःशुल्क पहुँचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मानव समाज ने वनों के महत्व को अनदेखा करने की भूल की है, जबकि वन हमारे जीवनदाता हैं। वनों ने ही इस धरती पर मानव अस्तित्व को सुरक्षित रखा है। हमें यह समझना होगा कि हम इस प्राकृतिक धरोहर के स्वामी नहीं, बल्कि इसके संरक्षक हैं। राज्य सरकार इस दायित्व को भली-भाँति समझते हुए ‘मुख्यमंत्री जन-वन योजना’ के माध्यम से ग्रामीणों को अपनी निजी भूमि पर फलदार एवं काष्ठ प्रजातियों के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार की सकारात्मक सोच का ही परिणाम है कि राज्य के वनावरण में लगातार वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक 34 लाख परिवारों को घरेलू जल संयोग के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है। झारखण्ड के 2,700 से अधिक गाँव ‘हर घर जल’ गाँव घोषित हो चुके हैं। पेय जल की गुणवत्ता सुनिश्चित रखने के लिए सभी गाँवों में फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड को पूर्ण स्वच्छ राज्य बनाने में सरकार के साथ हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 48 लाख से अधिक व्यक्तिगत व 1275 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। स्वच्छता के प्रति जनता की सक्रिय सहभागिता के परिणामस्वरूप स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में झारखण्ड के जमशेदपुर को 03 से 10 लाख जनसंख्या के श्रेणी में देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है तथा बुण्डू नगर पंचायत को Promising स्वच्छ शहर के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक विकास, रक्षा क्षेत्रों और जीवन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुँच का भी आधार है। अच्छी सड़कों के बिना विकास की बात बेमानी है। हमारी सरकार ने विगत वित्तीय वर्ष में कुल 2075 कि०मी० पथ तथा 9 पुल निर्माण का कार्य पूर्ण किया है। राज्य में 13,000 करोड़ की लागत से लगभग 3,800 कि०मी० सड़क निर्माण की योजना प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से 1624 कि.मी. सड़क व ग्राम सेतु योजना से 158 पुलों का निर्माण पूर्ण हुआ।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के समावेशी आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में टेक्सटाइल, अपैरल एवं फुटवियर नीति को और अधिक आकर्षक तथा निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। इससे अधिक से अधिक कंपनियाँ निवेश कर सकेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। MSME सहित व्यवसायों के लिए व्यापार को सुगम बनाने हेतु Business Reform Action Plan (BRAP), Reducing Compliance Burden (RCB), Single Window System Upgradation तथा नियामक अनुपालनों को समाप्त करने जैसी पहलें की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी कई समस्याओं की जड़ है। सरकार बेरोजगारी और पलायन रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रही है। एक ओर सरकारी क्षेत्र के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य के होनहार युवाओं को प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हमारी सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों तथा स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहयोग देकर स्वरोजगार को प्रोत्साहित कर रही है। ‘मुख्यमंत्री श्रमिक योजना’ के अन्तर्गत अब तक 1.21 लाख परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान करते हुए 35 लाख मानव बल दिवस का सृजन किया गया है।

उन्होंने  कहा कि “सर्वे सन्तु निरामया” के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बीमारी की स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए “मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य योजना” के तहत लाल, पीला व हरा राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष 15 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए मेडिकल शिक्षा के विस्तार हेतु पीपीपी मोड पर पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, गिरीडीह, देवघर, जामताड़ा और धनबाद में नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार सुपर स्पेशियलिटी RIMS-2 का निर्माण करा रही है, जिसके लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में X-Ray, CT-Scan, MRI आदि जैसी रेडियोलॉजी सेवाओं की समान और निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सदर अस्पताल, रांची में एक केन्द्रीय रेडियोलॉजी हब स्थापित करने की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु ‘मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना’ को अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। इस योजना के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक एवं चिकित्सा महाविद्यालयों को आधुनिक बनाने का कार्य किया जायेगा; साथ ही अनुश्रवण एवं निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षा राष्ट्र के विकास की नींव है। यह केवल व्यक्तित्व निर्माण का साधन नहीं, बल्कि जीवन की मूल चेतना का संवाहक भी है। राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप शिक्षकों के पेशेवर विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन करते हुए उनके समेकित प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है और आगामी पाँच वर्षों के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई गई है। राज्य के प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो और दुमका में नए आवासीय विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है। उत्कृष्ट विद्यालयों की सफलता और विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को देखते हुए 100 नए उत्कृष्ट विद्यालय प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों में ड्रॉपआउट की समस्या रोकने हेतु साइकिल वितरण योजना संचालित की जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में कक्षा 8 के विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान करने का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिससे लगभग 4 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

 उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमारा प्रयास है कि राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर हाल में सुलभ हो। हम चाहते हैं कि हमारे विश्वविद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बने, गुरु-शिष्य संबंध मजबूत हों और विद्यार्थी अपनी मेधा से समाज के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के ग्रेडिंग सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मेरी इच्छा है कि हमारे राज्य के विश्वविद्यालय देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आएं। शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने हेतु “Jharkhand Student Research & Innovation Policy” लागू की जा रही है। “मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना” के अंतर्गत राज्य के राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों से Ph.D. करने वाले NET, GATE या JET उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ₹22,500 से ₹25,000 प्रतिमाह फेलोशिप प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि झारखंड के मेधावी छात्रों को विदेश में शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए टॉप 200 विश्वविद्यालयों में चयनित विद्यार्थियों की 100% ट्यूशन फीस का वहन राज्य सरकार कर रही है। विश्वविद्यालयों में शोध एवं नवाचार केंद्र तथा ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित किए जा रहे हैं। ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ से उच्च शिक्षा में आर्थिक बाधाएं दूर की जा रही हैं, जिसके तहत 1071 विद्यार्थियों को ₹97.5 करोड़ का ऋण स्वीकृत हुआ है। ‘बाल्मीकि छात्रवृत्ति’ और ‘मानकी मुण्डा छात्रवृत्ति’ योजनाओं से वंचित वर्ग के छात्रों को आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत निर्माण में स्वीकृत 1.78 लाख आवासों में से 1.34 लाख आवास पूर्ण किए गए हैं। राज्य-सम्पोषित अबुआ आवास योजना के तहत आवास-विहीन एवं कच्चे घर में रहने वाले परिवारों को पक्का आवास प्रदान करने हेतु राज्य सरकार कृतसंकल्प है। पंचायत स्तरीय समिति के सत्यापन और ग्राम सभा की स्वीकृति के बाद लगभग 20 लाख योग्य लाभुक सूचीबद्ध किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज को आदर्श भारत के निर्माण का आधार कहा है। स्वराज सत्ता नहीं, सेवा का साधन है। ग्राम स्वराज को सशक्त बनाने हेतु राज्य सरकार ने 2500 ग्राम पंचायतों में पंचायत ज्ञान केन्द्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केन्द्रों में पुस्तकालय, कंप्यूटर, इंटरनेट एवं प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस वित्तीय वर्ष में 1000 ग्राम पंचायतों को प्रति पंचायत ₹4.2 लाख की दर से राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि भूमि प्रशासन के क्षेत्र में व्यापक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हमारी सरकार ने दाखिल-खारिज प्रक्रिया को पारदर्शी एवं प्रमाणिक बनाने के उद्देश्य से संबंधित भूमि के निरीक्षण / सत्यापन हेतु Geo-tagging की व्यवस्था को प्रारम्भ किया है। Revenue Court Case Management System को Land records Software-Jharbhoomi के साथ एकीकृत किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कुपोषण को राज्य से पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य की 224 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत संचालित 38,000 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, 6 माह से 6 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को प्रत्येक माह पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। लाभुक वर्ग को दी जाने वाली पोषण सेवाओं को निरंतर अनुश्रवण हेतु सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए गए हैं, जिसके माध्यम से सेविकाएँ लाभुक वर्ग से संबंधित सभी आंकड़े online दर्ज कर पा रही हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण हेतु “झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” आरम्भ की गई है। यह निर्धनता उन्मूलन व आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी साबित हुई है। विश्व बैंक ने सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है। वर्तमान में इस योजनान्तर्गत 51 लाख से अधिक महिलाओं को प्रत्येक माह 2500/- रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। वे इस राशि का उपयोग अपनी इच्छानुसार बच्चों की पढ़ाई व घर-गृहस्थी में उपयोग कर आर्थिक संबल प्राप्त कर रही हैं। सरकार यह मानती है कि जब हम बेटियों को मजबूत करते हैं तो पूरा परिवार मजबूत बनता है और मजबूत परिवार से ही मजबूत समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनायें हैं। प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करते हुए पर्यटक स्थलों के विकास के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, जिसके फलस्वरूप झारखण्ड आने वाले देशी एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड को अलग पहचान मिली है। दुमका स्थित मसानजोर डैम अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। मसानजोर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इको-कॉटेज का निर्माण किया गया है तथा बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। खूंटी जिला स्थित भगवान बिरसा मुण्डा की जन्मस्थली तथा साहेबगंज जिला स्थित सिदो-कान्हू मुर्मू की जन्मस्थली के उन्नयन एवं सौन्दर्यीकरण कार्य हेतु स्वीकृति दी गयी है।

उन्होंने कहा कि हम, “भारत के लोग” एकजुट होकर अपने देश के हर नागरिक की मदद कर सकते हैं। अपने वनों और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण कर सकते हैं और ग्रामीण तथा शहरी पर्यावास को नया जीवन दे सकते हैं। हम सब मिलकर गरीबी, अशिक्षा और असमानता को दूर कर सकते हैं। आइए, हम सब अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पूरा-पूरा उपयोग करें और सरकार का सहयोग करें। देश के काम को हम अपना काम समझें, यही सोच हमें प्रेरणा देगी।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का यह पावन दिन हमें स्मरण कराता है कि हमें मिली आज़ादी कितनी बहुमूल्य है। हमारे पूर्वजों ने कठिन संघर्ष और अदम्य साहस से बलिदान देकर हमें यह अमूल्य विरासत सौंपी है। उन्होंने भारत माता को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त कर देशभक्ति की मिसाल कायम की। हमारा कर्तव्य है कि हम विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लें और राष्ट्र को आगे बढ़ाने में योगदान करें। उन्हें पूरा विश्वास है कि झारखण्ड के सभी नागरिक आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ मिलकर इस विशिष्ट राज्य को खुशहाल और उन्नत राज्य बनाएंगे।

अंत में, उन्होंने सभी प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की बात कही। सभी को मिलकर एक विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत और सशक्त झारखण्ड के निर्माण में अपनी भूमिका पूरी निष्ठा से निभाने की अपील की, साथ ही सभी से इस स्वतंत्रता दिवस पर संकल्प लेने को कहा कि हम अपने कर्तव्यों का पालन कर देश को नई ऊँचाइयों पर लेकर जायेंगे।

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