अपनी बात

अपने प्रिय नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अंतिम दर्शन करने, उन्हें अंतिम जोहार करने को रांची की सड़कों पर उमड़े लोग

अपने प्रिय नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अंतिम दर्शन करने, उन्हें अंतिम जोहार करने को रांची की सड़कों पर सैलाब उमड़ पड़ा। रांचीवासियों को जैसे ही पता चला कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर दिल्ली से चलकर रांची एयरपोर्ट पहुंच चुका है। लोग रांची एयरपोर्ट से लेकर मोराबादी उनके आवास तक सड़क के दोनों ओर हाथ जोड़कर खड़े हो गये।

सड़क के दोनों किनारे खड़े लोगों की आंखे नम थी। उनकी आंखे अपने प्रिय नेता को फिर दुबारा नहीं देख पायेंगी, इसका उन्हें गहरा दुख था। कोई फूल बरसा रहा था, तो कोई हाथ जोड़े खड़ा था, तो कोई चाहता था कि एक पल के लिए गुरु जी की गाड़ी थोड़ा सा रुके और वे अपने प्रिय नेता को नमन कर सकें।

अपने प्रिय नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को देखने के लिए दलीय दीवारें टूट चुकी थी। आज सभी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के थे। जिस तरफ से गाड़ी गुजरती लोग शिबू सोरेन अमर रहे के नारे लगाते। कई जगहों पर लोग गुरुजी के बारे में बाते करते देखे गये, कई जगहों पर उनके द्वारा खड़ी की गई आंदोलन के बारे में लोग चर्चा करते देखे गये।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि दिशोम गुरु ने अपने कार्यकलापों से जो छाप झारखण्ड की जनता पर छोड़ी हैं। वो लंबे समय तक याद किया जायेगा। उन यादों को कोई भूल नहीं सकता। गुरुजी जन-जन के नेता थे। शोषितों-पीड़ितों के लिए तो उनका दिल हमेशा से धड़कता रहता था। शायद यही कारण रहा कि उनका पार्थिव शरीर जिस भी इलाकों से गुजरा। खासकर ये शोषित व पीड़ित समुदाय शायद इसी बात को लेकर ज्यादा सशंकित दिखे व मायूस दिखे कि अब उनकी समस्याओं को लेकर सड़क से लेकर सदन तक कौन लड़ेगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *