नहीं रहे झारखण्ड के महान आंदोलनकारी शिबू सोरेन, राज्य भर में शोक की लहर, तीन दिनों का राजकीय शोक, झारखण्ड विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
जैसे ही झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोशल साइट के माध्यम से झारखण्ड के महान आंदोलनकारी व अपने पिता शिबू सोरेन के निधन की सूचना दी। पूरे राज्य में शोक की लहर छा गई। देश-विदेश में शिबू सोरेन के चाहनेवालों के चेहरे पर उदासी छा गई। सभी अपने-अपने ढंग से सोशल साइट पर शोक प्रकट करने लगे। इसी बीच पूरे राज्य में तीन दिनों के शोक की घोषणा कर दी गई है। पूरे राज्य में तीन दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झूके रहेंगे। इसी बीच झारखण्ड विधानसभा का जो मानसून सत्र चल रहा था, उसे बीच में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने सदन में कर दी।
आज जैसे ही सदन प्रारंभ हुआ। सदन में विधायकों ने एक स्वर से झारखण्ड आंदोलनकारी शिबू सोरेन अमर रहे के नारे लगाये। इसी बीच विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने अश्रुपूर्ण शब्दों के साथ सदन को बताया कि झारखण्ड के महान आंदोलनकारी शिबू सोरेन अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने कहा “आज का यह दिन हम सभी के लिए अत्यत दुःख और शोक का दिन है। हमें यह बताते हुए गहरा दुःख हो रहा है कि झारखण्ड के महान नेता, समाज के मार्गदर्शक, अलग झारखण्ड राज्य आंदोलन के पुरोधा और देश के वरिष्ठ राजनेता झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, वर्तमान राज्यसभा सांसद, दिशोम गुरू श्री शिबू सोरेन जी का आज प्रातः, दिनांक 04 अगस्त, 2025 को स्वर्गवास हो गया।
झारखण्ड के वंचित समाज को अंधकार से निकालकर हक और हुकूक के प्रकाश से उज्जवल करने वाले शिबू सोरेन हमारे बीच नहीं रहे। उनका जाना न केवल झारखण्ड ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष के लिए अपूरणीय क्षति है- राजनैतिक जगत में, सामाजिक जगत में और अन्याय के खिलाफ अनवरत प्रतिवाद के लिए। हम बहुत दुखित है। बाबा नहीं रहे। इस शून्य के बीच हैं। उनकी यादें। उनकी बातें। उनकी प्रेरणा। उनका आंदोलन और उनका झारखण्ड। बाबा हमेशा हमलोगों के बीच रहेंगे। इस दुःख की घड़ी में सभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित की जाती है।”
झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन अत्यंत दुखद व पीड़ादायक है। वे जनजातीय अस्मिता व अधिकार के सशक्त स्वर थे। राजनीतिक सामाजिक जगत में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी अपने पिता व महान आदिवासी नेता, प्रत्येक झारखण्डियों के दिलों में बसनेवाले दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर कहा कि “आज मैं शून्य हो गया हूं …”
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने शोक संदेश में कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झामुमो के संरक्षक श्री शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका जाना झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं। हमारा रिश्ता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक और आत्मीय था। उनका जाना न केवल मेरे लिए, बल्कि झारखंड की राजनीति और सामाजिक चेतना के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
झारखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन एक युग का अंत है।
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक आदरणीय दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन का निधन पार्टी, झारखण्ड राज्य एवं समस्त देश के आदिवासी, मूलवासी, शोषित, दलित, मजदूर, किसान, महिला, जन समुदाय के लिए हिमालय स्खलन है। आदरणीय गुरु जी ने अपने जीवन काल में धारा के विपरीत जा कर संघर्ष किया और कभी भी पराजित नहीं हुए।
गुरूजी के संघर्षपूर्ण जीवन को आत्मसात करते हुए देश के दबे कुचले समाज ने अपनी पहचान सम्मान तथा अधिकार प्राप्त किया। गुरूजी ने हमेशा अज्ञानता के विरूद्ध पढ़ाई, शोषण के विरुद्ध लड़ाई तथा सम्मान पूर्ण जीवन यापन के लिए संघर्ष करने का राह दिखाया। गुरूजी शारीरिक तौर पर पार्टी के साथ अब नहीं रहे। लेकिन उनकी शिक्षा पार्टी के हर सदस्य को जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी पराजय को स्वीकार ना करने के प्रण के साथ एक आधार की तरह कठोर स्तम्भ बन कर कायम रहेगा।ॉ
जदयू विधायक दल के नेता सरयू राय ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्मृति शेष झारखण्ड के प्रतीक नायक श्रद्धेय शिबू सोरेन के निधन से झारखण्ड की राजनीति में संघर्षशील युग का अंत हो गया। दृढ़ प्रतिज्ञ जननेता को सादर श्रद्धाजंलि। ईश्वर पुण्यात्मा को सद्गति प्रदान करें।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिशोम गुरु, प्रख्यात आदिवासी नेता, गरीबों-शोषितों के पक्षधर आदरणीय शिबू सोरेन जी नहीं रहे। देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति, जल-जंगल-जमीन के सवाल व आदिवासी अस्मिता को राष्ट्रीय फलक पर लाकर, मुख्यधारा की राजनीति को निर्णायक मुद्दा बनाने में अविस्मरणीय भूमिका के लिए वे हमेशा याद रहेंगे।