भारत निर्वाचन आयोग का खुलासा, SIR से हुई पुष्टि, बिहार में 18 लाख मतदाता मृत, 26 लाख मतदाता स्थानांतरित और सात लाख मतदाता दो-दो जगहों के वोटर
बिहार में चल रहे विशेष सारांश पुनरीक्षण (SIR) में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं कि 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में सभी पात्र मतदाता शामिल हों। संपूर्ण चुनाव तंत्र, जिसमें लगभग एक लाख बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी), चार लाख स्वयंसेवक और बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) शामिल हैं, उन मतदाताओं को खोजने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं जिन्होंने अभी तक अपने गणना प्रपत्र (EFs) जमा नहीं किए हैं या अपने पते पर नहीं मिले हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO)/जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO)/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO)/बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूचियाँ साझा की हैं जिनके प्रपत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं और साथ ही उन लगभग 52.30 लाख मतदाताओं की भी जो कथित तौर पर मृत हो चुके हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या कई स्थानों पर नामांकित हैं।
भारत निर्वाचन आयोग का दावा है कि इन 52.30 लाख मतदाताओं में, एसआईआर के दौरान पता चला कि बिहार में लगभग 18 लाख मतदाता मृत, 26 लाख मतदाता स्थानांतरित और सात लाख मतदाता दो-दो जगहों के वोटर पाये गये। एसआईआर आदेश दिनांक 24.06.2025 के अनुसार, एक अगस्त से एक सितंबर, 2025 तक, प्रारूप मतदाता सूची में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त, विलोपन और सुधार के लिए जनता के किसी भी सदस्य को आपत्ति दर्ज कराने के लिए पूरे एक महीने का समय उपलब्ध होगा।