कैंसर की लड़ाई केवल चिकित्सा ही नहीं, संवेदना और सामूहिक उत्तरदायित्व की भी हैं: राज्यपाल
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज होटल रेडिशन ब्लू, रांची में ‘रांची कैंसर समिट–2025’ के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि कैंसर एक ऐसी जटिल बीमारी है, जो न केवल व्यक्ति के शरीर को, बल्कि पूरे परिवार की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक स्थिरता को भी गहराई से प्रभावित करती है। ऐसे में इसकी चिकित्सा में मानवीय संवेदना, भरोसा और अपनत्व भी उतने ही आवश्यक हैं जितनी औषधियां।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में, जहां दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं अब भी एक बड़ी चुनौती हैं, वहां कैंसर जैसी बीमारियों की समय पर पहचान और समुचित उपचार हेतु समर्पित प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि ‘आयुष्मान भारत’ योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की एक क्रांतिकारी पहल है, जिससे गरीब एवं वंचित वर्ग को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। लेकिन इस योजना की पूर्ण सफलता तभी संभव है जब चिकित्सक, अस्पताल, राज्य सरकारें और समाज मिलकर सामूहिक उत्तरदायित्व के साथ कार्य करें।
राज्यपाल ने चिकित्सकों को “वैद्य नारायणो हरिः” कहते हुए उन्हें जीवनदाता बताया और कहा कि सेवा, करुणा और समर्पण को मूल में रखकर यदि चिकित्सा कार्य हो तो हर कैंसर पीड़ित के जीवन में आशा की किरण जाग सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे बरेली में अनेक लोगों को वहां के एक विशेषज्ञ चिकित्सक के पास उपचार हेतु भेजते हैं और वहां के उपचार से लोगों को संतोषजनक परिणाम मिलते हैं।
राज्यपाल ने आशा जताई कि इस समिट के माध्यम से झारखंड में कैंसर उपचार और जन-जागरूकता को एक नई दिशा मिलेगी। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि कोई भी कैंसर पीड़ित अकेला न रहे, हम सब उसकी पीड़ा को अपनी पीड़ा समझकर जीवन की राह पर लौटाने हेतु समर्पित प्रयास करें।