सुप्रियो का बयान संघ व भाजपा की कलई खुली, संघ चाहता है कि 17 सितम्बर के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद का त्याग करें
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की कलई खुल चुकी है। संघ चाहता है कि 17 सितम्बर के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना पद छोड़ें। इसलिए सितम्बर का दूसरा सप्ताह महत्वपूर्ण होनेवाला है। उस वक्त नवरात्र का समय भी होगा। पितृपक्ष की समाप्ति का समय होगा और इसी समय यह घटना घटेंगी।
सुप्रियो ने कहा कि दो महीने के बाद यानी 11 सितम्बर को संघ के सरसंघचालक मोहनभागवत और इसी महीने में यानी 17 सितम्बर को पीएम मोदी का जन्मदिन है और इसी दौरान देश में कुछ नया परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि कभी सरसंघचालक ने कहा था कि जब कोई 75 साल का हो जाता है तो उन्हें शॉल ओढ़ा दिया जाता है। शॉल ओढ़ाना इस बात का संकेत हो जाता है कि आप किसी काम के नहीं रहे।
सुप्रियो ने कहा कि भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस है। संघ के कार्यक्रम में भाजपा का कोई न कोई अधिकारी जरुर होता है और इसी प्रकार भाजपा के कार्यक्रमों में संघ का कोई न कोई अधिकारी जरुर होता है। बिना इनके कोई काम संपन्न हो ही नहीं सकता। इसलिए वे जोर देकर कहते हैं कि न तो ये सामाजिक और न ही सांस्कृतिक संगठन है। बल्कि ये एक राजनीतिक संगठन का संरक्षक मंडल है।
सुप्रियो ने कहा कि आपलोगों ने देखा होगा कि 2019-2024 के चुनाव में ईसी को ताक पर रखकर चाहे वो लोकसभा की अध्यक्ष रही हो या देश के उपप्रधानमंत्री रहे हो, वित्त मंत्री हो या रक्षा मंत्री हो। चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। एक मानक स्थापित कर दिया गया। अब तो फिर 11 सितम्बर और 17 सितम्बर आ रहा है। शॉल दोनों को ओढ़ना होगा। अब मोहन भागवत जी क्या करेंगे?
सुप्रियो ने कहा कि स्वयं सरसंघचालक मोहन भागवत जी का बयान है कि जब मैं खड़ा होता हूं, तो लोग हंसने लगते हैं। लोग हम पर विश्वास नहीं कर रहा। हमारी विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस को क्लियर करना चाहिए कि उनके इस बातों के मायने क्या है? संघ प्रमुख की बातों को कभी हलके में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि देश में सिर्फ संघ की ही सर्वाधिक शाखाएं हैं।
सुप्रियो ने कहा कि जब 11 सितम्बर को होसबोले जी संरसंघचालक को शॉल ओढ़ायेंगे तो उनके मुंह से क्या निकलेगा -बाजू हट। वो कौन व्यक्ति होगा जो 17 सितम्बर को पीएम मोदी को शॉल ओढ़ायेगा। निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने ही पार्टी के नेताओं को रास्ते से हटाना और फिर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए 80 साल के नौजवान जीतन राम मांझी जैसे लोगों को कैबिनेट में शामिल करना, 75 वर्ष से उपर के लोगों को मार्गदर्शक मंडल में रख लेना क्या यह दोहरा मापदंड नहीं हैं।