धर्म

धनबाद के कोयला नगर में रामकृष्ण विवेकानन्द स्वाध्याय सेवा ट्रस्ट के नए भवन का उद्घाटन, जुटे देश भर के रामकृष्ण मठ से जुड़े संत और संन्यासी

बीसीसीएल द्वारा निर्मित कोयला नगर टाउनशिप स्थित रामकृष्ण विवेकानन्द स्वाध्याय सेवा ट्रस्ट के नव-निर्मित भवन का उद्घाटन आज बीसीसीएल एवं स्वाध्याय सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में एक भव्य आयोजन में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के तौर पर बेलूर मठ, कोलकाता के उपाध्यक्ष, श्री स्वामी गिरिशानंद जी महाराज शामिल हुए।

जिनके साथ देश भर के रामकृष्ण मठ एवं मिशन के केन्द्रों से पधारे संतों एवं संन्यासियों के साथ निदेशक (मानव संसाधन) बीसीसीएल, मुरली कृष्ण रमैया एवं निदेशक (वित्त) राकेश कुमार सहाय भी उपस्थित रहे। इनके अलावा रामकृष्ण मिशन से जुड़े कई अन्य संन्यासीगण, बीसीसीएल मुख्यालय के अधिकारी, कर्मी और बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु व नागरिक भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

यह ट्रस्ट समाज में आध्यात्मिक चेतना, सेवा और स्वाध्याय को समर्पित एक गतिशील संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 2022 में हुई थी। नवीन भवन का निर्माण बीसीसीएल के सहयोग से सम्पन्न हुआ है। समारोह का शुभारंभ प्रभात फेरी से हुआ, जिसमें रामकृष्ण मठ एवं मिशन के विभिन्न केंद्रों से पधारे संतों एवं संन्यासियों ने सामूहिक रूप से भाग लिया।

भजनों, वेद-मंत्रों और स्वामी विवेकानन्द के प्रेरणास्पद उद्धरणों के साथ कोयला नगर की गलियों से निकली यह यात्रा, समाज में सेवा, सद्भाव और आध्यात्मिकता का संदेश लेकर आगे बढ़ी। इसके उपरांत नव-निर्मित प्रार्थना कक्ष में वैदिक रीति से पूजन एवं हवन का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों ने सहभागिता की। रामकृष्ण मिशन की परंपरा के अनुरूप प्रार्थना एवं भजन सत्र में उपस्थित सभी ने पूरी आत्मीयता के साथ भाग लिया।

मुख्य उद्घाटन समारोह का नेतृत्व रामकृष्ण मठ एवं मिशन, बेलूर मठ के उपाध्यक्ष, श्री स्वामी गिरिशानंद जी महाराज ने किया। उनके साथ स्वामी नटराजनंद जी महाराज (अध्यक्ष, रामकृष्ण मठ, घाटशिला), स्वामी अमृतरूपानंद जी महाराज (सचिव, रामकृष्ण मिशन, जमशेदपुर), स्वामी आत्मश्रद्धानंद जी महाराज (सचिव, रामकृष्ण मिशन, कानपुर), स्वामी तत्परानंद जी महाराज (रामकृष्ण मिशन, नरेंद्रपुर), स्वामी सुखमयानंद जी महाराज (रामकृष्ण मिशन, रांची), निदेशक (मानव संसाधन) बीसीसीएल, श्री मुरली कृष्ण रमैया और निदेशक (वित्त) श्री राकेश कुमार सहाय ने संयुक्त रूप से भवन का उद्घाटन किया।

इसके उपरांत आध्यात्मिक सत्र में ट्रस्ट के पदाधिकारियों, बी.के. परुई, विकास कुमार, बी.के. तिवारी और राहुल ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत-अभिनन्दन किया। दीप प्रज्वलन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। मंचासीन सम्मानित अतिथियों ने अपने उद्बोधनों के माध्यम से ट्रस्ट की गतिविधियों की सराहना करते हुए इसे समाज के नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्निर्माण की दिशा में एक प्रभावशाली पहल बताया।

अपने संबोधन में स्वामी गिरिशानंद जी महाराज ने कहा कि विवेकानन्द का दर्शन केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला संदेश है। उन्होंनें कहा कि व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का जागरण ही हम सभी का उद्देश्य होना चाहिए। स्वामी आत्मश्रद्धानंद जी महाराज ने स्वाध्याय को आत्म-जागरण का पथ बताया। उन्होंनें कहा कि हर व्यक्ति को आत्मोत्थान का प्रयास सदैव करते रहना चाहिए।

स्वामी सुखमयानन्द जी महाराज ने भक्ति मार्ग और ईश्वर के नाम की महिमा पर प्रकाश डाला और श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की शिक्षा के अनुरूप जीवन में सेवा के भाव को आत्मसात करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं मुरली कृष्ण रमैया और राकेश कुमार सहाय ने बीसीसीएल की सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए इस भवन को आध्यात्मिक शांति, सेवा और समर्पण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। उन्होंनें कहा कि आज के आपाधापी एवं भाग-दौड़ भरे जीवन में आध्यात्मिकता की छांव ही हमें सुकून दे सकते हैं।

कार्यक्रम का समापन आशीर्वचन एवं आशीर्वाद सत्र के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने मंचासीन संन्यासियों से आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन दिवाकर जी महाराज ने किया। संध्या समय आरती, प्रवचन और प्रसाद के साथ पूरे दिन चले कार्यक्रम का समापन हुआ।

उल्लेखनीय है कि रामकृष्ण विवेकानन्द स्वाध्याय सेवा ट्रस्ट विगत वर्षों में 2500 से अधिक वंचित परिवारों को निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर चुका है, जिनमें शैक्षणिक सहायता, महिला प्रशिक्षण, पौधारोपण, रक्तदान, नेत्र परीक्षण और युवा प्रेरणा शिविर प्रमुख हैं। नव-निर्मित भवन एक आधुनिक और बहुपयोगी परिसर है, जिसमें प्रार्थना भवन, बहुद्देश्यीय हॉल, महिला प्रशिक्षण सदन, पुस्तकालय, गेस्ट रूम और कार्यालय कक्ष शामिल हैं। यह ट्रस्ट आने वाले समय में न केवल कोयला नगर, बल्कि पूरे झारखंड क्षेत्र के सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन को एक नई दिशा देने का माध्यम बनेगा।

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