चलनी दूसे सूप के जिन्हें बहत्तर छेद, के. विक्रम राव जी अपनी संस्था को दागदार होने से बचाइये

एक सज्जन है, शाहनवाज हसन। ये स्वयं को इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट का प्रदेश अध्यक्ष बताते है। कल की ही बात है,  मुझे मेरे एक मित्र ने इनके द्वारा मेरे बारे में और राज्य के अन्य पत्रकारों के बारे में छीटाकशीं करते हुए लिखे गये कुछ वाक्यांशों के सबूत भेजे हैं। इसे पढ़कर मैं आश्चर्यचकित हो गया कि जो व्यक्ति खुद को पत्रकारों का नेता बताता है, भला वह पत्रकारों के बारे में ऐसी घटियास्तर की सोच कैसे रख सकता है?

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