जो गांधी-बिरसा को जानेगा, वो यह कभी कह ही नहीं कह सकता कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं
यह शत प्रतिशत सत्य है जो भी महात्मा गांधी अथवा भगवान बिरसा मुंडा को जानेगा, समझेगा, उनके प्रति अटूट विश्वास रखेगा, वो कभी नहीं कह सकता कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं और जो ऐसा कहता है, उसे कोई अधिकार नहीं कि वह महात्मा गांधी अथवा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अथवा पुण्य तिथि पर उनकी समाधिस्थल या प्रतिमा पर माल्यार्पण करें या श्रद्धांजलि दे, क्योंकि एक तरफ महात्मा गांधी अथवा भगवान बिरसा मुंडा के चित्रों पर माल्यार्पण और दूसरी ओर उनके विचारों का खून करते हुए यह कहना कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं,
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