निशिकांत के हस्तक्षेप याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश, 10 नवम्बर को होगी सुनवाई, लोकपाल मामले में शिबू सोरेन की मुश्किलें बढ़नी तय

लोकपाल मामले में स्थगन के विरूद्ध निशिकांत दूबे की हस्तक्षेप याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में 10 नवम्बर को सुनवाई होगी।

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कांग्रेसी-वामपंथी विचारधारा से जुड़े पत्रकारों को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को दी जमानत, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ SC की कड़ी टिप्पणी

अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है, पर जमानत की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जो प्रतिक्रिया दी है, वो बताने के लिए काफी है कि अगर कोई सरकार या निचली अदालत गलत फैसले लेगी, तो सुप्रीम कोर्ट उस व्यक्ति को न्याय दिलाने में तनिक भी देर नहीं करेगा। जिस मामले में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी हुई और उसके बाद ताबड़तोड़ जिस प्रकार महाराष्ट्र सरकार और वहां की पुलिस अर्नब गोस्वामी के खिलाफ केस पर केस दर्ज किये जा रही थी, उनकी ये हरकते बताने के लिए काफी था

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धनबाद की अदालत का फैसला, दबंग BJP MLA ढुलू महतो की जमानत याचिका रद्द, ढुलू जेल में ही रहेंगे

लगता है, बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक ढुलू महतो के अच्छे दिन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासन समाप्त होते ही सदा के लिए समाप्त हो गये, तभी तो बेचारे की हालत पस्त है। इसके लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  दीपक प्रकाश की मनुहार भी काम नहीं आ रही है और इधर धनबाद की अदालत ने ढुलू महतो की जमानत याचिका भी रद्द कर दी। बताया जा रहा है कि आज धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश – तृतीय, राकेश कुमार सिन्हा की अदालत ने यौन शोषण प्रकरण मामले में ढुलू महतो की जमानत याचिका रद्द कर दी।

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उधर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को आदिवासियों के अस्तित्व पर सुनवाई करेगी और इधर झारखण्ड के आदिवासी…

पूरे सोशल साइट पर झारखण्ड भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा द्वारा बनाई गई 33 सेकेंड की विडियो धमाल मचा रही है, इस विडियो में झारखण्ड के कण-कण में बसा, खासकर आदिवासियों के बीच काफी लोकप्रिय गीत को आधार बनाया गया है, गीत के बोल है – गांव छोड़ब नही, जंगल छोड़ब नही, मायं मांटी छोड़ब नही, लड़ाय छोड़ब नही, लोग इस विडियो को पसंद भी कर रहे हैं और उसे शेयर भी कर रहे हैं।

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पुनर्विचार याचिका पर तुंरत सुनवाई से इनकार कर सुप्रीम कोर्ट ने बताया हमारे लिए देश महत्वपूर्ण

आइये एक कहानी सुनाते है, एक गांव था। उस गांव में एक बहुत बड़ा गुंडा रहा करता था। उसके गुंडई से पूरे गांव के लोग और महिलाएं परेशान थी। उस गुंडे के आतंक से बचने के लिए, गांव के लोगों और महिलाओं ने अपने ही गांव में पनप रहे एक नये गुंडे को मजबूत करना शुरु किया, ताकि वे वर्तमान गुंडे से बच सकें, फिर क्या था नये वाले गुंडे की भाव बढ़नी शुरु हुई, नये गुंडे ने जल्द ही पुराने गुंडे का सफाया कर दिया।

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