“सरकार के भरोसे रहकर हम अपने व्यक्तिगत सामाजिक उत्तरदायित्वों से पीछे नहीं भाग सकते” मतलब साथी हाथ बढ़ाना
इस देश में ऐसे युवाओं की कमी नहीं, जो अपने सपने को पूरा करने और कुछ अलग करने के लिए बंधी-बंधाई नौकरी तक छोड़ देते हैं। लेकिन क्या सोचा है कि इस कोविड काल में ऐसे युवा किन परेशानियों से दो चार हो रहे हैं। आइये, हम आपको जमशेदपुर के साकची में फ़ूड स्टॉल संचालिका पूनम सिंह के हालात से रूबरु कराते हैं जो आज अपने बच्चे के स्कूल की फीस भी नहीं भर पा रही हैं।
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