तो क्या अपने आवास में सत्तापक्ष के विधायकों के मन टटोलने में कामयाब हुए CM हेमन्त सोरेन
मुख्यमंत्री आवास में सत्तापक्ष की हुई विशेष बैठक किसी विशेष प्रयोजन के लिए नहीं हुई थी, दरअसल यह बैठक राज्य
Read moreमुख्यमंत्री आवास में सत्तापक्ष की हुई विशेष बैठक किसी विशेष प्रयोजन के लिए नहीं हुई थी, दरअसल यह बैठक राज्य
Read moreअरे मरनेवालों की संख्या कितना भी रहे, पर मरनेवाला का परिवार तो पंडित ही था न, अगर दलित-आदिवासी या पिछड़ा
Read moreकोरोना काल में जहां पत्रकारों के हितों का दंभ भरनेवाले कुकुरमुत्ते की तरह उगे पत्रकारों के एसोसिएशन अपने-अपने घरों में बैठ कर कोरोना से खुद को मुक्त करने के प्रयास में लगे हैं, वही आल इंडिया शार्ट एवं मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन AISMJWA ने अपने प्रयासों से सत्तापक्ष और विपक्ष ही नहीं, बल्कि सामाजिक संगठनों/पत्रकार संगठनों की नींद तक उड़ा दी है।
Read moreदिनांक – 22 मार्च, झारखण्ड विधानसभा। पहली घटना – मंत्री जोबा मांझी के एक जवाब से असंतुष्ट होकर, केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि सत्तापक्ष के लोग भी हंगामा करते हैं, वेल में आ धमकते हैं। मामला एचइसी की खाली जमीन रैयतों को लौटाने के बजाय, ऊंची कीमत पर बाहरी लोगों को बेचने से संबंधित था। दूसरी घटना – आलोक चौरसिया के तारांकित प्रश्न कि पलामू स्थित आयुक्त कार्यालय में सचिव-कर्मचारी के खाली पदों को कब भरा जायेगा? राज्य का एक भी मंत्री खड़ा होकर जवाब तक नहीं दिया,
Read more“अब तो सदन में सदन की सार्थकता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो रहा है, चलाना है तो सदन को ठीक से चलाएं, नहीं चलाना है तो किसी एक दिन आकर बजट पास करा लें और सदन बंद कर दें।” ये संवाद नहीं है, बल्कि वेदना है, एक जनप्रतिनिधि का। जिनका नाम है सरयू राय। जिन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व से हराकर जीत हासिल की है। इन्होंने अपनी वेदना एक पोर्टल से सुनाई, जिसे किसी ने लगता है सुनने की कोशिश नहीं की और अगर सुना भी तो नजरदांज करने की कोशिश कर दी।
Read moreराज्यसभा में हुई कल की घटना को लेकर राज्यसभा के सभापति एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता वैकेया नायडू कुछ भी फैसला सुना दें, पर उनके फैसले ने कृषि विषयक मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों-नेताओं, यहां तक की उपसभापति के मन में चल रही मोदी भक्ति को भी उजागर कर दिया है, साथ ही यह भी सिद्ध कर दिया कि हरिवंश की नजर उपसभापति से भी बड़े एवं उपर के पद पर है और वे वहां तक किसी भी तरीके से पहुंचने के लिए बड़ी ही सावधानी से कदम बढ़ा रहे हैं।
Read moreकल जिन सहायक पुलिसकर्मियों की मोराबादी मैदान में पिटाई हुई थी। उस पर कल से राजनीति भी शुरु हो गई। राज्य की प्रमुख विपक्षी दलों के साथ-साथ सत्तारुढ़ दल इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने है। सत्तापक्ष का साफ कहना है कि वो सहायक पुलिसकर्मियों की उचित व लोकतांत्रिक तरीके से मांगी जानेवाली हर मांगों को सहानुभूति पूर्वक विचार करने को तैयार है, पर कानून को हाथ में लेने की जो प्रवृत्ति हैं, उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Read moreयही गलती कभी भाजपावाले किया करते थे हेमन्त जी। आज उस गलती के कारण भाजपा का हश्र झारखण्ड में क्या है? वह किसी से छुपा नहीं है और भाजपा का हश्र हमेशा यही रहेगा, इसकी भी कोई गारंटी नहीं, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल को ताकत तभी मिलती है, जब सत्तापक्ष सत्ता के मद में गलतियों की लंबी सूची स्वयं तैयार करने लगता है। मैं जो देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं, सत्तापक्ष की ओर से भी अब गलतियां पर गलतियां हो रही है, और ये गलतियां जनता को खटकने भी लगी है।
Read moreझारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का आज जन्मदिन है। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है। क्या सत्तापक्ष और क्या विपक्ष सभी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी है। लोकतंत्र की यही खुबसुरती है कि हम भले ही किसी का वैचारिक तौर पर विरोध करें, पर जब कुछ विशेष दिन आये तो हम उन्हें इसके लिए शुभकामनाएं दें, न कि हर बात पर बाल का खाल निकालने लगे।
Read moreराज्यसभा का चुनाव कोई जीते, सवाल तो सिर्फ यह है कि इससे झारखण्ड को क्या मिल जायेगा? सवाल तो यह भी है कि इस बात की जानकारी तो सत्तापक्ष और विपक्ष में शामिल सभी विधायकों व उनसे जुड़े नेताओं को पता था कि जिस प्रकार की स्थितियां व परिस्थितियां हैं, झामुमो अपनी सीट आराम से निकाल लेगी और रही बात भाजपा की तो उसे बाकी मतों को अपनी ओर आकर्षित करने में ज्यादा दिमाग लगाना नहीं पड़ेगा, क्योंकि निर्दलीय सरयू राय जब देंगे तो भाजपा को ही अपना मत देंगे।
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