बदल गई बिहार के गांवों-मुहल्लों-शहरों में भोज-भात की व्यवस्था, पुराने आयटम पूरी तरह समाप्त
पहले बिहार के गांवों-कस्बों, मुहल्लों और शहरों में, किसी के घर में छट्ठी, अन्नप्राशन, मुंडन, जनेऊ, सत्यनारायण की पूजा, विवाह अथवा श्राद्ध होता, तो हर घर में एक ही प्रकार का आयटम दिखाई देता और सभी मिलकर जेवनार का आनन्द लेते, कोई भेदभाव नहीं, कोई ज्यादा दिखावा नहीं, बस सभी को पता है कि जहां जीमने जा रहे है, वहां किस प्रकार के भोजन उपलब्ध होंगे।
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