CONG व JMM द्वारा एड़ी-चोटी लगाने के बावजूद अग्निपथ योजना के खिलाफ बुलाया गया भारत बंद झारखण्ड में टांय-टांय फिस्स
कांग्रेस और उनके सहयोगियों तथा वामदलों से जुड़े कई छात्र संगठनों ने मिलकर नरेन्द्र मोदी सरकार की बहुप्रशंसित अग्निपथ योजना
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Read moreजब से संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार ने बिहार में कार्यरत शिक्षकों को चोरी-छुपे शराब पीनेवाले या
Read moreजब ओमिक्रॉन घर-घर दस्तक देने लगा है, जब कोरोना की तीसरी लहर में झारखण्ड खुद-ब-खुद जकड़ने लगा है, तो राज्य
Read moreपूरे बिहार-झारखण्ड में कार्तिक शुक्ल रवि षष्ठी व्रत धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम
Read moreगोड्डा से भाजपा के विधायक अमित मंडल पर हुए जानलेवा हमले को भारतीय जनता पार्टी ने गंभीरता से लिया है। इस
Read moreकुछ दिन पूर्व रांची से प्रकाशित अखबार “प्रभात खबर” ने एक अच्छी पहल की। लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य
Read moreकल यानी 15 मई की ही बात है। बिहार के सरयू राय जो जमशेदपुर पूर्व से विधानसभा चुनाव लड़कर झारखण्ड विधानसभा पहुंचे हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि वे बहुत ही ईमानदार है। उन्होंने सोशल साइट फेसबुक पर एक बात लिखी, वो बात थी – “कोरोना की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साख घटी है, पर लोगों में विश्वास नहीं घटा है। दूसरी ओर राज्य में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की साख पूर्व की तुलना में बढ़ी है। इस अनुपात में उन्हें लोगों के बीच विश्वास भी बढ़ाना होगा।”
Read moreकल यानी 13 मई को रांची से प्रकाशित होनेवाले एक अखबार “दैनिक भास्कर” ने अपने “राजकाज” पृष्ठ पर पत्रकारों से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक खबर छापी, जो झारखण्ड के सभी संस्करणों में दिखाई दी। हेडिंग थी – “झारखण्ड सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित करे, बिहार, ओडिशा, बंगाल समेत छह राज्यों ने पत्रकारों को फ्रंट वारियर्स माना”। सब हेडिंग थी – “राज्य के 22 पत्रकारों की अब तक कोरोना संक्रमण से हो चुकी है मौत”।
Read moreभाई मैं बार-बार कह रहा हूं, यह समय राजनीति करने का नहीं है। यह समय एक दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं है। यह समय हर प्रकार की बुराइयों से उपर उठकर मानवता की सेवा करने का है। आप किसे नीचा दिखा रहे हैं, आप किस मुंह से खुद को सर्वश्रेष्ठ कह रहे हैं। जहां आपके शासन हैं, वहां भी बुरा हाल है, नहीं तो जाकर मध्यप्रदेश, बिहार व उत्तरप्रदेश घुम आइये। अगर सिस्टम झारखण्ड में फेल है, तो आपके शासित राज्यों में सिस्टम कोई दूसरा नहीं हैं।
Read moreबस अब कुछ ही दिन बचे हैं, झारखण्ड में 25-30 अप्रैल के बीच कोरोना पीक पर होगा, उसके बाद धीरे-धीरे इसमें कमी आयेगी, ये बाते अपने राज्यवार ग्राफ में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल ने बताई है। मणीन्द्र अग्रवाल की ये बातें झारखण्ड में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे, प्रशासकों, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना प्रभावितों व सरकार के लिए भी राहत देनेवाली है।
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