…तो ऐसे में हम एडॉप्ट-ए-गवर्मेंट पॉलिसी लाकर केन्द्र सरकार को ही क्यों न बदल दे?

जब केन्द्र की मोदी सरकार ने बीते साल सितम्बर महीने में एडॉप्ट-ए-हेरिटेज स्कीम लॉन्च की थी और देश की 95 ऐतिहासिक इमारतों जैसे ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर, सती घाट, कुतुब मीनार, हम्पी, अजंता गुफा आदि स्थलों को चिह्नित कर इसे निजी हाथों में देने का फैसला किया था, तभी क्लियर हो गया था कि आनेवाले समय में, हमारे ऐतिहासिक एवं गौरव के प्रतीक स्थल पूंजीपतियों के हाथों में चले जायेंगे

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