कनफूंकवां
याद रखिये CM हेमन्त जी, ‘आत्मविश्वास और घमंड में कोई ज्यादा का फर्क नहीं होता’
जो सत्ता में हैं या शीर्ष पर हैं, उन्हें यह संवाद हमेशा याद रखना चाहिए कि ‘आत्मविश्वास और घमंड में
Read moreअब आप कुछ भी कर लीजिये CM हेमन्त जी, जनता के समक्ष आपकी इमेज को, जो आपके लोगों ने भद्द पीटवाई हैं, उसकी भरपाई अब संभव नहीं
झारखण्ड की हेमन्त सरकार ने राज्य की नई विधानसभा एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच
Read moreकितना भी जोर लगा लें गवर्नर, भाजपाई नेता व रांची से प्रकाशित अखबारों का समूह, हेमन्त का नुकसान नहीं कर पायेंगे, सरकार चलती रहेंगी
कितना भी जोर गवर्नर लगा लें, कितना भी सट के वे देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के साथ फोटो
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रुपा तिर्की ने आत्महत्या किया या षड्यंत्र से हत्या हुई? इस मामले में क्या निर्णय झारखण्ड उच्च न्यायालय लेगा यह
Read moreहेमन्त ने पकड़ी ‘रघुवर’ की राह, कनफूंकवों ने रखी मूंछ पर ताव, ‘मोमेंटम झारखण्ड’ का मजा लीजिये ‘इमर्जिंग झारखण्ड’ में
राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की राह पकड़ ली है। जिन-जिन कनफूंकवों ने रघुवर दास के समय मूंछ पर ताव रखी थी, वे सब तो फिलहाल इस सीन से गायब है, लेकिन उनके जगह पर नये कनफूंकवों ने स्थान ग्रहण कर लिया है, जबकि एक अभी भी यहां विद्यमान है, जो उस वक्त भी सक्रिय थी। याद करिये, मोमेंटम झारखण्ड और इसके नाम पर हाथी उड़ाने का सर्कस।
Read moreभाग्यशाली रहे हजारीबाग के राजेश कि उनके खिलाफ आरोप लगानेवालों को कनफूंकवों का साथ नहीं मिला, नहीं तो…
बड़ी खुशी हुई यह समाचार जानकर कि हजारीबाग के आरटीआई कार्यकर्ता व स्वतंत्र पत्रकार राजेश मिश्रा को उन आरोपों से मुक्ति मिल गई, जिस आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। राजेश मिश्रा हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट मोड़ के पास से अफीम और ब्राउन सुगर के साथ गिरफ्तार किये गये थे। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरटीआई कार्यकर्ता निर्दोष है, रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी और भू-माफिया ने मिल कर उनके खिलाफ एक साजिश रची थी, जिसमें वे फंस गये।
Read moreअवधेश कुमार पांडेय ने किया अवकाश ग्रहण, सभी ने उनकी सेवाओं को यादकर उन्हें सलाम ठोका
बात उन दिनों की है, जब मैं पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक आर्यावर्त के लिए काम करता था। उस वक्त मैं आर्यावर्त में दानापुर से अनुमंडलीय संवाददाता था और इसी दरम्यान दानापुर अनुमंडल में वीरेन्द्र कुमार शुक्ल अनुमंडलीय जनसम्पर्क पदाधिकारी के रुप में नये-नये नियुक्त हुए थे। यह समय था – लालू प्रसाद यादव का। दानापुर का इलाका यादवों का गढ़ है और यहां लालू यादव की उस वक्त तूती बोलती थी। ऐसे भी उस वक्त लालू प्रसाद का आना-जाना यहां बराबर लगा रहता था।
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अगर झारखण्ड में भाजपा या भाजपा के किसी भी नेता को बेहतर बनना हैं, तो उसे रघुवर शैली से तौबा करना ही होगा, नहीं तो भाजपा के नेता गांठ बांध लें किसी जिंदगी में न तो वे अब भाजपा को बेहतर स्थिति में ला सकते हैं और न ही अपना कैरियर बना सकते हैं, क्योंकि इस बार उसका मुकाबला केवल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा से नहीं, बल्कि हेमन्त सोरेन जैसे युवा प्रतिभाशाली नेतृत्व से भी हैं।
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