बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे पर बिगड़ैलों ने लगाया ग्रहण
अब तो रांची में जो स्थिति है, उस स्थिति को देखकर समझ में ही नहीं आ रहा है कि बेटी को पढाए या उसकी सम्मान बचाने के लिए सदा के लिए घर पर उसे बिठा दें। सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, पर जो राज्य की स्थिति है, वहां बेटियों को घर से निकलना ही मुश्किल है। ये आवाज किसी एक घर की नहीं, बल्कि हर घर की आवाज है, जिनके घर में बेटियां है, और जो उन्हें पढ़ाकर, कुछ बनाने का सपना देख रही है।
कल जो रांची के क्लूनी कान्वेंट स्कूल में घटना घटी, वह घटना बता रही है कि उन अभिभावकों के मन में कितना खौफ है, जो अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए स्कूल भेज रहे है। जरा देखिये गुरुवार की सुबह क्या घटना घटी। यहा पढ़ रही दसवीं कक्षा की छात्रा का अपहरण करने का दुस्साहस कुछ बिगड़ैल लड़कों ने किया। जब इस घटना का विरोध, वहां पर कुछ अभिभावकों और स्कूली शिक्षिकाओं ने किया, तो वे अभिभावकों और स्कूल की शिक्षिकाओं को ही धमकी देने में लग गये। बेल्ट निकालकर अभिभावकों पर ही बरस पड़े।
इस घटना के खिलाफ आरोपियों के विरुद्ध सदर थाना में स्कूल की प्राचार्या ने प्राथमिकी दर्ज करा दी है, कुछ बिगड़ैलों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, पर सवाल आज भी वहीं खड़ा है कि क्या हमारा समाज बेटियों को सम्मान देने को तैयार है? वे कैसे माता-पिता है, जो अपने बिगड़ैलों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे, क्यों ऐसे शैतानों को बाहर घूमने दे रहे है, जो दूसरों की बेटियों पर गंदी नजरें रखते है। क्या उनका दायित्व नही बनता कि वे अपने शैतान और बिगड़ैलों से समाज को बचाएं, ये जिम्मेवारी तो उनकी भी बनती है, क्योंकि समाज से वे भी बहुत कुछ प्राप्त करते है। ऐसे भी इस राज्य में प्रशासन नाम की कोई चीज तो है नहीं, यहां तो पुलिस भी बनी हैं तो शरीफों को तंग करने और गुंडों को सम्मान प्रदान करने के लिए। कल की ये घटना ने, रांचीवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है।
हद तो तब हो गयी, जब पीड़िता ने बताया कि इन बिगड़ैलों में से एक ने ट्यूशन से घर जाने के क्रम में टाई पकड़कर ‘आइ लव यू’ कहकर छेड़खानी की थी, तब से पीड़िता ट्यूशन जाना ही बंद कर दी। जब किसी लड़की को ट्यूशन और स्कूल जाने में दिक्कत महसूस होने लगे, ऐसे में तो उसकी जिंदगी ही तबाह हो गई, आखिर बेटियों को जिंदगी तबाह करनेवाले, ऐसे बिगड़ैलों से स्थानीय पुलिस कब निबटेंगी, सबसे बड़ा सवाल तो यहीं अभिभावकों के मन में घर करके बैठ गया है।